बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है. राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस और राजद के बीच सीट बंटवारे को लेकर चल रही बातचीत टूट के कगार पर पहुंच गई है. अगर बातचीत नहीं संभलती तो इसे महागठबंधन के लिए बड़ा झटका कहा जा रहा है. इसके साथ ही बिहार चुनाव में एक नया समीकरण भी देखने को मिल सकता है.
सूत्रों के मुताबिक, राजद ने पारस को अपनी पार्टी का विलय करने के बदले तीन सीटों का प्रस्ताव दिया था लेकिन आज पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में शामिल सभी जिला अध्यक्ष ने इसका पूरा विरोध करते हुए स्वतंत्र चुनाव लड़ने की बात कही. कोई भी जिला अध्यक्ष पार्टी विलय के फैसले के साथ खड़ा नही दिखा.
बैठक के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस को गठबंधन से संबंधित हर फैसला लेने के लिए अधिकृत कर दिया गया है. पारस ने मीडिया से बात करते हुए अगले 24 घण्टो में अपना पक्ष रखने की बात कही है.
सूत्रों की मानें तो पारस की पार्टी बीएसपी (बसपा) और ओवैसी की AIMIM के साथ गठबंधन बनाकर बिहार विधानसभा चुनाव मैदान में उतरेगी. यह नया समीकरण महागठबंधन के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है, खासकर उन इलाकों में जहां पारस गुट का दलित और पासवान वोट बैंक प्रभावी रहा है.
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