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बिहार

बिहार में भवन निर्माण विभाग के डायरेक्टर पर विजिलेंस का एक्शन, छापेमारी में कागजात जब्त

बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग में तैनात निदेशक गजाधर मंडल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप सामने आए हैं. इन्हीं आरोपों के आधार पर विशेष निगरानी इकाई (विजिलेंस) ने उनके खिलाफ औपचारिक मामला दर्ज कर एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई शुरू की है.

Author Edited By : Versha Singh
Updated: Dec 16, 2025 17:10

बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग में तैनात निदेशक गजाधर मंडल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप सामने आए हैं. इन्हीं आरोपों के आधार पर विशेष निगरानी इकाई (विजिलेंस) ने उनके खिलाफ औपचारिक मामला दर्ज कर एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई शुरू की है.

कांड दर्ज होने के बाद कार्रवाई तेज

विशेष निगरानी इकाई ने गजाधर मंडल के खिलाफ कांड संख्या 27/2025 दर्ज किया है. यह मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित) तथा भारतीय न्याय संहिता, 2023 की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज किया गया है.

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निगरानी विभाग के अनुसार, प्रारंभिक जांच में ही गजाधर मंडल की आय और संपत्ति के बीच असामान्य अंतर सामने आया था, जिसके बाद विस्तृत जांच और तलाशी आवश्यक मानी गई.

पटना और भागलपुर में एक साथ छापेमारी

विशेष न्यायाधीश (निगरानी) द्वारा जारी तलाशी वारंट के आधार पर निगरानी की टीमों ने पटना और भागलपुर में एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की. इस कार्रवाई में पटना के राजवंशी नगर स्थित भवन निर्माण विभाग का कार्यालय पटना और भागलपुर स्थित आवासीय परिसर को शामिल किया गया. कार्यालय में गजाधर मंडल के चैंबर की तलाशी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और कागजात जब्त किए गए, जिन्हें जांच के लिए सुरक्षित रखा गया है.

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सूत्रों के अनुसार, निगरानी की टीम सुबह करीब 11:30 बजे राजवंशी नगर स्थित कार्यालय पहुंची, जहां उस समय गजाधर मंडल मौजूद थे. टीम ने लगभग एक घंटे तक उनसे पूछताछ की. पूछताछ के दौरान उनसे बैंक खातों, निवेश, अचल संपत्ति, अन्य वित्तीय लेन-देन से जुड़े सवाल पूछे गए. इसके बाद टीम उन्हें साथ लेकर एजी कॉलोनी स्थित आवास पहुंची, जहां आगे की तलाशी ली गई.

निगरानी इकाई के मुताबिक, गजाधर मंडल ने अपनी सेवा अवधि के दौरान करीब 2 करोड़ 82 लाख 61 हजार रुपये की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है.

यह राशि उनकी ज्ञात और वैध आय की तुलना में कहीं अधिक बताई जा रही है. जांच एजेंसी का कहना है कि यह अंतर सामान्य नहीं है और इसके पीछे अवैध आय व निवेश के ठोस संकेत मिले हैं.

इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1)(b) धारा 13(2) धारा 12 भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 61(2)(a) के तहत मामला दर्ज किया गया है. निगरानी इकाई ने स्पष्ट किया है कि जांच के दौरान यदि नए साक्ष्य सामने आते हैं, तो धाराओं में और भी बढ़ोतरी की जा सकती है.

First published on: Dec 16, 2025 04:48 PM

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