Jivesh Mishra fake medicine case: बिहार सरकार में बीजेपी कोटे से मंत्री जीवेश मिश्रा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। नकली दवा आपूर्ति मामले में वे विपक्ष के निशाने पर हैं। राजस्थान की एक कोर्ट ने नकली दवा आपूर्ति मामले में उनको दोषी करार दिया। हालांकि कोर्ट ने उनको मामूली जुर्माना लगाकर रिहा कर दिया है। इस पर कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मंत्री और बीजेपी पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा कि एक समय था जब मंत्री आरोप लगने पर खुद ही इस्तीफा दे देते थे लेकिन आज जीवेश मिश्रा पद पर बने हुए हैं। उन्हें कोई लोक लाज नहीं है। सुप्रिया ने कहा कि कोर्ट के अनुसार मंत्री को 1 से 3 साल तक की सजा हो सकती है लेकिन अभी तक वे पद पर बने हुए हैं।
कांग्रेस ने मांग की कि जीवेश मिश्रा को मंत्री पद से हटाया जाए और नकली दवाओं के इस पूरे नेटवर्क की स्वतंत्र जांच कराई जाए। विपक्ष ने इसे नीतीश सरकार की नैतिक विफलता बताया है।
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जानें क्या है नकली दवा मामला
बता दें कि मंत्री जीवेश मिश्रा को राजस्थान की राजसमंद कोर्ट ने 15 साल पुराने एक मामले में दोषी करार दिया था। मामले में सजा की सुनवाई 1 जुलाई को हुई थी। कोर्ट ने ऑफेंडर प्रोबेशन एक्ट के तहत उन्हें जेल की सजा से राहत देते हुए जुर्माना लगाया था। पूरा मामला साल 2010 का है। मंत्री मिश्रा राजनीति में आने से पहले दवा कारोबार से जुडे़ थे। वे आल्टो हेल्थलेयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक थे। जांच में सामने आया कि उनकी कंपनी ने कंसारा ड्रग्स डिस्ट्रीब्यूटर को सिप्रोलिन 500 नामक दवा बेची थी जोकि गुणवत्ता पर खरी नहीं थी।
मामले में कोर्ट ने जीवेश मिश्रा समेत 9 लोगों को दोषी ठहराया था। कोर्ट के फैसले के बाद से ही विपक्ष उन पर हमलावर है। वह लगातार इस्तीफे की मांग कर रहा है। इसी क्रम में आज कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत इस मामले में मंत्री जीवेश मिश्रा को लेकर बीजेपी और सरकार पर निशाना साधा।
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