Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सभी दलों के उम्मीदवारों की सूची जारी की जा चुकी है. एनडीए, महागठबंधन के प्रत्याशियों में कई नए ना भी जुड़े हैं जिनमें भोजपुरी सितारों के साथ-साथ राजनीतिक परिवारों के रिश्तेदार भी शामिल है.
जी हां, इस बार बिहार के आम चुनावों में भी नेपोटिज्म दिखाई दिया है. लोजपा, हम और रालोमो ने अपने परिवारजनों पर भरोसा जताया है. आरजेडी, बीजेपी और जदयू भी इस काम में पीछे नहीं रहा है. आइए जानते हैं किस पार्टी ने अपने किस रिश्तेदार को कहां से प्रत्याशी बनाया है.
बिहार चुनाव में परिवारवाद की भूमिका
परिवारवाद के मामले में बीजेपी ने भी अपनी राजनीतिक विरास्त को आगे बढ़ाया है. पूर्व मंत्री शकुनी चौधरी के बेटे सम्राट चौधरी को तारापुर से चुना गया है. पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के बेटे नीतीश मिश्रा को झंझारपुर से टिकट मिला है. जमुई से श्रेयसी सिंह को टिकट दिया गया है जो पूर्व मंत्री दिग्विजय सिंह की बेटी है.
ये भी पढ़ें-तेजस्वी को CM चेहरा बनाना कांग्रेस के लिए जरूरी या मजबूरी? बिहार चुनाव से पहले समझें ये रणनीति
वहीं, पूर्व सांसद गोपाल नारायण सिंह के बेटे को भी औरंगाबाद से प्रत्याशी बनाया गया है. बांकीपुर के पूर्व विधायक नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा के बेटे नितिन नवीन को भी उम्मीदवार बनाया गया है. औराई के पूर्व सांसद अजय निषाद की पत्नी को टिकट मिला है. इस तरह बीजेपी में 13 ऐसे उम्मीदवारों को चुना गया है जिनके परिवार और रिश्तेदार पहले से ही राजनीति में हैं.
JDU में मंत्रियों के पुत्र-पुत्रियों को मिला मौका
जदयू में सबसे ज्यादा चर्चित पारिवारिक सीट पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद की टिकट रही है. वे पहले राजद से विधायक थे. इस बार नीतीश के नेतृत्व में नवीनगर से मैदान में उतरे हैं. जदयू ने पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के बेटे अभिषेक कुमार को भी चेरिया बेरियापुर से उम्मीदवार बनाया है. ऋतुराज कुमार को घोसी से प्रत्याशी घोषित किया गया है जो पूर्व सांसद अरूण कुमार के बेटे हैं. गायघाट से कोमल सिंह को टिकट मिला है, उनकी मां सांसद और पिता दिलीप सिंह एमएलसी हैं. जेडीयू में कुल 10 ऐसे उम्मीदवार है.
HAM में भी भाई-भतीजा
हम NDA गठबंधन में छह सीटों पर चुनाव लड़ रहा है. इनमें से चार सीटों पर पार्टी ने अपने करीबियों पर ही भरोसा जताया है. बाराचट्टी से केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी की समधन ज्योति देवी को टिकट दिया गया है. वहीं, बहू दीपा कुमारी को इमामगंज से उम्मीदवार बनाया है. वहीं, टिकारी से उम्मीदवार अनिल कुमार को पार्टी ने फिर से टिकट दिया है. उनके साथ-साथ अनिल कुमार के भतीजे रोमित कुमार को भी हम ने अतरी से टिकट दिया है.
रालोमो प्रमुख ने पत्नी को दिया टिकट
उपेंद्र कुशवाहा भी एनडीए के समर्थन में हैं. उन्हें भी 6 सीटें दी गई है. कुशवाहा ने अपनी पत्नी स्नेहलता को सासाराम सीट से टिकट दिया है. वहीं, दिनारा से मंत्री संतोष सिंह के भाई आलोक कुमार सिंह को टिकट दिया गया है.
राजद में भी रिश्तेदारों को बांटी टिकटें
इस बार बिहार में चुनाव के लिए हर दल ने अपने रिश्तेदारों को टिकट बांटी है. राजद में भी यह नजारा दिखा है. इस पार्टी में शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा को राजद ने रघुनाथपुर से टिकट दिया. शिवानंद तिवारी के बेटे राहुल तिवारी को शाहपुर से टिकट, जगदानंद सिंह के बेटे अजीत सिंह को रामगढ़ का उम्मीदवार बनाया गया है.
RJD ने पूर्व मंत्री कांति सिंह के बेटे ऋषि कुमार को ओबरा से प्रत्याशी बनाया है. जहानाबाद के सांसद सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ सिंह को भी चुनाव लड़ाया जा रहा है. राजद में कुल 17 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है, जिनके परिवारजन पहले से ही राजनीति का हिस्सा है.
ये भी पढ़ें- बिहार चुनाव ऐलान के बाद पीएम का पहला बिहार दौरा, शाह-मोदी की जोड़ी करेगी रैलियां









