मुजफ्फरपुर से मुकुल कुमार की रिपोर्ट: मुजफ्फरपुर के बहुचर्चित किडनी कांड की पीड़िता सुनीता को उसके परिजन घर ले गए हैं। जिस मरीज का हर दूसरे तीसरे दिन डायलिसिस होता है उस मरीज को अस्पताल के बजाय घर पर रखने की जानकारी मिलने पर ग्रामीण सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता गुस्से में हैं और लोगों ने सुनीता के परिजनों को जल्द से जल्द अस्पताल में भर्ती कराने को कहा है ।
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क्या है पूरा मामला
असल में किडनी पीड़िता सुनीता को चेचक हो गया है, इन्फेक्शन से बचने के लिए सुनीता को अस्पताल प्रबंधन ने उसी अस्पताल के अलग वार्ड में अकेले सुनीता को रख दिया जिससे सुनीता सुरक्षित रह सके और अन्य मरीज भी सुरक्षित रह सके। सुनीता के परिजनों ने अस्पताल के अंदर भी एक तांत्रिक को बुला लिया और अस्पताल के अंदर ही झाड़ फूंक कराने लगे ।
अस्पताल प्रबंधन ने रोका
अस्पताल के अंदर झाड़ फूंक करते तस्वीर सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने सुनीता के कमरे में अगरबत्ती जलाने और किसी प्रकार के अनुष्ठान करने की अनुमति नहीं दी। इससे गुस्सा होकर सुनीता के पति अकलू राम सुनीता को लेकर सकरा स्थित पैतृक घर चले आए ।
स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ता को जब यह जानकारी मिली की सुनीता को इलाज के बजाए उसका पति घर ले आया है तब कई लोग सुनीता के घर पहुंच गए और सुनीता के पति को काफी समझाने का प्रयास किया है ।
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ग्रामीणों का समझाते वीडियो वायरल
सोशल साइट पर सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा सुनीता को समझाते वीडियो कल रात से ही काफी वायरल हो रहा है। जिसमे अकलू राम को यह कहा जा रहा है की महीनो की मेहनत बेकार चली जायेगी आप जल्द सुनीता को अस्पताल के अंदर भर्ती कराइए।
जवाब में सुनीता का पति बोलता है की यहां झाड़ फूंक में सहूलियत होगी अस्पताल में तो अगरबत्ती भी नही जलाने देते हैं ।सुनीता बताती है की गाड़ी वाले को आरजू मिन्नत कर चार सौ रुपया भाड़ा देकर घर लौटी हूं।
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