Bihar Politics: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले आज आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना है। इसके लिए आरजेडी आलाकमान ने पहले ही मंगनी लाल मंडल का नाम तय कर लिया है। वे आज ही इसके लिए नामांकन करेंगे। उनका अध्यक्ष बनना पहले ही तय है। ऐसे में नामांकन और उसकी प्रकिया एक औपचारिकता है। अध्यक्ष का आधिकारिक ऐलान तो 19 जून को होने वाले कार्यकारी समिति की बैठक में होगा। ऐसे में आइये जानते हैं मंगनी लाल मंडल कौन हैं, जो बिहार आरजेडी के अगले अध्यक्ष बनेंगे। साथ ही जानेंगे इस फैसले के सियासी मायने क्या है?
कौन हैं मंगनी लाल मंडल
मंगनी लाल मंडल आरजेडी के बड़े नेता रहे हैं। वे 2019 में नाराज होकर जेडीयू में चले गए थे, लेकिन कुछ समय पहले ही वे फिर से पार्टी में लौटे हैं। 76 साल के मंगनी लाल अति पिछड़ों के बड़े नेता हैं। 1986 से 2004 तक मंडल एमएलसी रहे। इस दौरान वे लालू यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे। इसके बाद सांसद भी बने। आरजेडी में प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए सबसे जरूरी अर्हता यही है कि वह लंबे समय से पार्टी से जुड़ा रहा हो। मंगनी लाल 2004 से 2009 तक राज्यसभा के सांसद रहे। इसके अलावा वे झंझारपुर लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं।
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जातीय समीकरण साधने में जुटे लालू
मंगनी लाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर आरजेडी जातीय समीकरण साधने में जुटी है। मंगनी लाल अति पिछड़ा से ताल्लुक रखते हैं। वे अति पिछड़ा की धानुक जाति से हैं। बिहार में अति पिछड़ा वोटर्स जेडीयू और बीजेपी के साथ रहा है। ऐसे में इस बार महागठबंधन की कोशिश है कि उसे कैसे भी करके सेंधमारी की जाए इसी क्रम में पार्टी मंगनी लाल मंडल को आरजेडी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाने जा रही है। ऐसे में आरजेडी बेरेाजगारी और कानून-व्यवस्था के साथ-साथ जातीय समीकरण साधकर नए समीकरण बनाने में जुटे हैं।
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इससे पहले कांग्रेस ने दलित समाज से आने वाले राजेश कुमार को नया अध्यक्ष नियुक्त किया था। जबकि बीजेपी ने वैश्य समाज से आने वाले दिलीप जायसवाल को नया पार्टी अध्यक्ष बनाया था।