सौरभ कुमार, पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में भले ही शराबबंदी लागू करने के बाद इसकी सफलता का बार-बार दावा किया हो, लेकिन उनकी पार्टी के ही संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा इससे सहमत नहीं दिख रहे हैं। जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार की शराबबंदी वाली नीति को पर सवाल खड़े किए हैं।
जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में शराबबंदी को असफल करार देते हुए कहा है कि सिर्फ सरकार के कह देने मात्र से शराबबंदी सफल नहीं हो जाती। कहा जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा का ये बयान सीएम नीतीश कुमार को भी पसंद नहीं आया है।
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पूर्व CM मांझी ने भी उठाया था सवाल
ये पहली बार नहीं है, जब जदयू या महागठबंधन सरकार के किसी नेता ने शराबबंदी को लेकर बयानबाजी की हो। हाल ही में महागठबंधन सरकार में जदयू के साथी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के चीफ जीतनराम मांझी ने भी इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया था। मांझी ने कहा की बिहार में शराबबंदी कानून का मतलब अमीर लोगों का ऐश और गरीब लोगों का उत्पीड़न है।
राजद नेता भी कुशवाहा के बयान से सहमत दिखे
बता दें कि बिहार में महागठबंधन की सरकार है और इस सरकार में कुल सात पार्टियां है। सबसे बड़ी पार्टी यानि राजद को भी लगता है कि उपेंद्र कुशवाहा ने गलत नही बोला है। राजद के सीनियर नेता वृषण पटेल ने कहा कि कुशवाहा ने सच्चाई को स्वीकार किया है कि शराबबंदी में जनता का समर्थन जरूरी है।
नेता प्रतिपक्ष ने शराबबंदी को लेकर किया था ये दावा
बिहार में शराबबंदी कानून 2016 में लागू हुई थी। उस समय बिहार में महागठबंधन की सरकार थी, बावजूद इसके बीजेपी ने विपक्ष में रहते हुए भी शराबबंदी कानून का समर्थन किया था, लेकिन आज बीजेपी भी मानती है कि बिहार में शराबबंदी बस दिखावे के लिए बच गया है।
प्रशांत किशोर बोले- बिहार में शराब की होम डिलीवरी जारी
प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार में पैदल यात्रा कर रहे हैं और जनता से शराबबंदी की हकीकत जान भी रहे हैं। इस दौरान वे गांववालों से बातचीत में दावा करते हैं कि बिहार में शराबबंदी नहीं है, केवल नाम मात्र की शराबबंदी है। शराब की होम डिलीवरी हर शहर, हर गांव और हर मुहल्ले में खुलेआम हो रहा है।
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