---विज्ञापन---

कैसे कांटों भरे ताज के बीच डॉ दिलीप जायसवाल ने खिलाया कमल? साबित हुए बेहतर रणनीतिकार

बिहार में एनडीए की चार सीटों पर हुई जीत का श्रेय बहुत हद तक बीजेपी के अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल को जाता है। आइए जानते हैं कि उनकी रणनिति कैसे काम आई?

Edited By : Ankita Pandey | Updated: Nov 23, 2024 17:45
Share :

Bihar By Election 2024 (अमिताभ ओझा): बिहार में एनडीए की चार सीटों पर हुई जीत के बाद बिहार बीजेपी के अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल काफी खुश है। आखिर खुश भी क्यों न हो क्योंकि उपचुनाव के ठीक साढ़े चार महीने पहले उन्हें प्रदेश अध्यक्ष का पद मिला था।  उपचुनाव मे पार्टी को जीत दिलाना एक बड़ी चुनौती थी। चार सीटों में से दो सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार थे तो दो सीटों पर सहयोगी दल जेडीयू और हम के उम्मीदवार थे। हालांकि अब चारों सीटों के नतीजे आ गए है। डॉ दिलीप जायसवाल न्यूज 24 से कहते हैं  कि बहुत भ्रम फैलाया गया लेकिन किला ध्वस्त हुआ।

जुलाई 2024 में बनें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष

लगभग बीस वर्षो तक बिहार बीजेपी के कोषाध्यक्ष रहनेवाले डॉ दिलीप जायसवाल पार्टी के एम एल सी है। जुलाई 2024 मे डॉ दिलीप जायसवाल को केंद्रीय नेतृत्व ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सम्राट चौधरी से लेकर सौंपी थी। पार्टी में डॉ दिलीप जायसवाल गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं की जब डॉ जायसवाल को यह पद सौपा गया था तो पार्टी में गुटबंदी और नाराजगी चरम पर थी।

---विज्ञापन---

सम्राट चौधरी बीजेपी के सोलह महीने अध्यक्ष रहे और फिर सरकार मे आने के बाद डिप्टी सीएम भी बने। लेकिन संघटन के अंदर कई गुट थे जो उनसे नाराज थे । हालांकि लोकसभा चुनाव मे सम्राट चौधरी ही प्रदेश अध्यक्ष थे और पार्टी का प्रदर्शन भी ठीक रहा था। लेकिन, केंद्रीय नेतृत्व का एक बहाना था कि एक व्यक्ति को एक पद मिलता हैं ऐसे में उन्हें हटना पड़ा। हालांकि डॉ दिलीप जायसवाल भी नीतीश सरकार में राजस्व मंत्री हैं। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों मे उन्हें भी मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है।

Dilip Jaiswal

Dilip Jaiswal

बेहतर रणनीतिकार हैं दिलीप जायसवाल

चार सीटों पर उपचुनाव की घोषणा के बाद से ही डॉ दिलीप जायसवाल ने पार्टी कार्यालय में बैठने की बजाए क्षेत्र मे ज्यादा समय बिताया। रामगढ़ से पार्टी के पुराने कार्यकर्ता और पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया, जबकि तरारी को लेकर हुए फैसले ने सबको चौंका दिया। तरारी के पूर्व विधायक रहे सुनील पाण्डेय जो पशुपति पारस के गुट वाली लोजपा में थे। उन्हें बीजेपी में शामिल कराया गया। सुनील पाण्डेय के साथ उनके बेटे विशाल प्रशांत भी पार्टी में शामिल हुए और पार्टी ने विशाल प्रशांत को तरारी से अपना उम्मीदवार भी बनाया।

---विज्ञापन---

डॉ दिलीप जायसवाल अति पिछड़ा जाति से आते हैं। वे कलवार जाति से आते हैं। अति पिछड़ा को साधने के लिए ही केंद्रीय नेतृत्व ने शायद उन्हें जिम्मेदारी भी सौंपी थी। डॉ जायसवाल लगातार पूरे चुनाव प्रचार के दौरान रामगढ़ और तरारी में कैम्प करते रहे। अब नतीजा सामने है लिहाजा न्यूज 24 ने जानने की कोशिश कि आखिर वो कौन से कारण हैं, जिससे दिलीप जायसवाल ने दोनों सीटों पर सफलता हासिल की। क्योंकि, 2020 के चुनाव में दोनों सीटों पर एनडीए को हार मिली थी।

Dilip Jaiswal

Dilip Jaiswal

डाउन टू अर्थ हैं दिलीप जायसवाल

पार्टी के प्रवक्ता दानिश इकबाल के अनुसार डॉ दिलीप जायसवाल मे सबसे बड़ी खासियत डाउन टू अर्थ होना है,  वो सभी कार्यकर्ताओ से न सिर्फ मिलते हैं बल्कि उन्हें इज्जत देते हैं।  पार्टी के हर फोरम पर वे कार्यकर्ताओ के साथ रहते हैं। दूसरा जो बड़ा फैक्टर है वो है डॉ जायसवाल ने पार्टी मे ‘गुटबंदी’ को खत्म कर दिया। संगठन मे लंबे समय तक रहने का एक फायदा यह भी मिला की पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित किया उन्हें सम्मान दिया।

डॉ दिलीप जायसवाल की एक बड़ी खासियत यह रही कि अध्यक्ष बनने के बाद वो न सिर्फ पार्टी बल्कि सहयोगी दलों के साथ भी बेहतर सामंजस्य बनाकर चल रहे हैं। उपचुनाव के पहले एनडीए के सांसदों विधायकों और पदाधिकारियों की बैठक का आयोजन किया गया था और तय किया गया की किसी भी सीट पर एनडीए गठबंधन के दलों के बीच कोई विरोधाभास नहीं रहे।  इसका फायदा भी चारों विधानसभा की सीटों पर देखने को मिला। डॉ दिलीप जायसवाल अक्सर जेडीयू, हम और एलजेपी के नेताओं से भी मिलते रहते हैं।

यह भी पढ़ें – Bihar By Election Results 2024: प्रशांत किशोर का नहीं चला ‘जादू’, NDA ने महागठबंधन का किया सूपड़ा साफ

HISTORY

Edited By

Ankita Pandey

First published on: Nov 23, 2024 05:45 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें