बिहार विधानसभा चुनाव के बीच सिवान जिले की दरौली सीट से CPI ML प्रत्याशी सत्यदेव राम की गिरफ्तारी ने सियासी माहौल गर्मा दिया है. नामांकन के लिए जाते वक्त पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. बता दें कि विधायक अपना नामांकन करने पहुंचे थे, तभी सीवान पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. ये गिरफ्तारी एक पुराने केस में हुई है.
गिरफ्तारी के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए सत्यदेव राम ने आरोप लगाया कि उन्हें एक फर्जी मुकदमे में फंसाया गया है और यह सब भाजपा-एनडीए सरकार की साजिश का हिस्सा है.
सत्यदेव राम ने कहा कि वे जेल से डरने वाले नहीं हैं और गरीबों के अधिकारों की लड़ाई जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा और एनडीए हमें जितना दबाने की कोशिश करेगी, हम उतनी ही तेजी से आगे बढ़ेंगे. दरौली की जनता हमें न्याय देगी और इस जुल्मी, सांप्रदायिक और कॉर्पोरेट परस्त सरकार को उखाड़ फेंकेगी. उन्होंने दावा किया कि जनता के समर्थन से दरौली में एक बार फिर लाल झंडा लहराना तय है.
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नामांकन के बाद विधायक की गिरफ्तारी
माले विधायक सत्यदेव राम को पुलिस ने सोनपुर रेलवे कोर्ट की ओर से जारी वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया है. ये मामला साल 2005 के एक ‘रेल रोको आंदोलन’ से जुड़ा हुआ है. जानकारी के अनुसार, ये मामला दरौंदा रेलवे स्टेशन पर बिना अनुमति के किए गए आंदोलन को लेकर रेलवे थाने में दर्ज किया गया था और सोनपुर रेलवे कोर्ट के एसीजेएम ने इस मामले में विधायक के खिलाफ स्थायी वारंट जारी किया था. विधायक सत्यदेव राम ने गिरफ्तारी पर हैरानी जताते हुए कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं थी और वो चुनाव आयोग के सभी दिशा-निर्देशों के तहत नामांकन करने आए थे.
CPI ML के 6 प्रत्याशियों ने दाखिल किया नामांकन
गिरफ्तारी की घटना के बावजूद, मंगलवार को माले के 6 अन्य प्रत्याशियों ने भी अपना नामांकन दाखिल किया. इनमें पालीगंज से संदीप सौरभ, अरवल से महानंद सिंह, आरा से कयामुद्दीन अंसारी, जीरादेई से अमरजीत कुशवाहा और दरौंदा से अमरनाथ यादव शामिल रहे. माले ने सीटों के बंटवारे से पहले ही अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर अपनी स्थिति साफ कर दी है.










