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Bihar News: दुनिया के लिए दौड़ेगा बिहार में बना इंजन, अफ्रीकी देश गिनी को डिलीवर होगी पहली खेप

बिहार के छपरा जिले का मढ़ौरा का लोकोमोटिव अब सिर्फ भारत के लिए नहीं बल्कि दुनिया के लिए भी अब दौड़ेगा। एक फैक्ट्री की सफलता नहीं बल्कि बिहार की प्रतिभा, भारत की तकनीक और प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव का प्रमाण है। पढ़ें पटना से अमिताभ कुमार ओझा की रिपोर्ट।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Deepti Sharma Updated: Jun 18, 2025 12:34

बिहार अब सिर्फ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान के लिए नहीं, बल्कि औद्योगिक क्रांति के केंद्र के रूप में भी तेजी से उभर रहा है। छपरा जिले के मढ़ौरा स्थित वेबटेक डीजल लोकोमोटिव फैक्ट्री ने नया इतिहास रचते हुए भारत को पहली बार वैश्विक लोकोमोटिव निर्यातक की श्रेणी में खड़ा कर दिया है। यहां तैयार की जा रही हाई-हॉर्सपावर डीजल इंजन अब अंतरराष्ट्रीय रेल पटरियों पर दौड़ने को तैयार हैं। इस बदलाव की अगुवाई “KOMO” नामक लोकोमोटिव कर रहा है, जिसकी पहली खेप जल्द ही अफ्रीकी देश गिनी को एक्सपोर्ट की जाएगी।

मेक इन इंडिया से मेड इन बिहार तक का सफर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ विजन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘विकसित बिहार’ के सपने ने मिलकर एक ऐसा औद्योगिक मॉडल खड़ा किया है, जिसकी गूंज अब विश्व बाजार तक पहुंच रही है। यह सिर्फ लोकोमोटिव का निर्यात नहीं बिहार के आत्मबल, भारत की तकनीक और वैश्विक विश्वास का प्रतीक है। इनमें अगर फैक्ट्री की उपलब्धियों की बात करें तो इसकी स्थापना 2018 में हुई। अब तक 729 डीजल इंजन का निर्माण हो चुका है, जिनमें- 4500 HP के 545 इंजन, 6000 HP के 184 इंजन बने हैं। वेबटेक इंक 76% है और भारतीय रेलवे का 24% संयुक्त उपक्रम है। इनमें फैक्ट्री का 226 एकड़ क्षेत्रफल है। यह एक ग्लोबल डील है और इसे गिनी को जाएगा।

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26 मई 2025 को गिनी के तीन मंत्रियों ने मढ़ौरा फैक्ट्री का दौरा किया। उसी दौरान लगभग 3,000 करोड़ रुपये की डील फाइनल हुई, जिसमें 140 KOMO लोकोमोटिव भेजे जाएंगे। इसकी सप्लाई चेन में नई भूमिका बिहार की होगी। इसमें लगभग 40-50% कंपोनेंट्स देश के अलग-अलग राज्यों से आते हैं, जैसे- महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली, जमशेदपुर हैं। इसके स्पेशल टेक्निकल पार्ट्स अमेरिका से मंगाए जाते हैं, लेकिन अब एक्सपोर्ट बढ़ने के साथ फैक्ट्री ग्लोबल स्टैंडर्ड गेज इंजन की मैन्युफैक्चरिंग में जुट गई है।

स्थानीय रोजगार को भी मिलेगा बूस्ट

इस प्रोजेक्ट से सिर्फ ग्लोबल डील नहीं हो रही, स्थानीय युवाओं को भी तकनीकी नौकरियों का सुनहरा अवसर मिलेगा। फैक्ट्री से जुड़े छोटे सप्लायर्स और MSME को भी मजबूती मिलेगी, जिससे बिहार की आर्थिक रीढ़ और सुदृढ़ होगी। मढ़ौरा का यह लोकोमोटिव अब न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए दौड़ेगा। यह सिर्फ एक औद्योगिक उपलब्धि नहीं, बल्कि यह दिखाता है कि बिहार अब मजदूर भेजने वाला राज्य नहीं तकनीक निर्यात करने वाला प्रदेश बन रहा है।

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First published on: Jun 18, 2025 12:34 PM

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