BJP made Plan on caste based calculation : बिहार में जाति आधारित जनगणना के आंकड़ों को नीतीश कुमार और महागठबंधन सरकार का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा था, लेकिन इस बीच बीजेपी ने इसे हथियार बनाकर नीतीश और लालू दोनों को साधने की कोशिश शुरू कर दी है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने न्यूज 24 से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान से आहत पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मंगलवार को मौन धरना की योजना बनाई है। मंगलवार को मांझी धरना देने अंबेडकर की प्रतिमा के पास पहुंचे, लेकिन दरवाजा बंद होने के कारण वे अंदर नहीं जा सके। जिसके चलते मांझी ने बाहर खड़े होकर अपना विरोध दर्ज कराया और साथ ही मांझी के समर्थन में बीजेपी नेता भी मौजूद रहे।
बीजेपी बड़ा मुद्दा बना रही है
इस संबंध में जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा का कहना है कि सदन के अंदर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मांझी को लेकर जो बयान दिया है और जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस पर मांझी का समर्थन किया है, उससे लगता है कि अब इस पूरे मामले पर बीजेपी का कब्जा है। वह इसे बड़ा मुद्दा बनाना चाहती है, ताकि नीतीश कुमार की छवि दलित विरोधी की बन जाए।
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लालू यादव के वोट बैंक में बड़ी सेंधमारी
केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय का कहना है कि एक तरफ बीजेपी नीतीश कुमार को साधने की कोशिश कर रही है तो दूसरी तरफ लालू यादव के वोट बैंक में भी बड़ी सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। बीजेपी के पूर्व मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि आज गोवर्धन पूजा के मौके पर बीजेपी ने पटना के बापू सभागार में यदुवंशियों का महासम्मेलन आयोजित किया, जिसमें 21 हजार यादव नेता और कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हुए। बीजेपी नेताओं ने मंच से यह संदेश देने की कोशिश की कि लालू यादव ने आज तक सिर्फ यादवों का इस्तेमाल किया है और अपने परिवार को आगे बढ़ाया है।
एनडीए को मिल सकता है फायदा
यदुवंशियों की विशाल सभा का नेतृत्व स्वयं नित्यानंद राय कर रहे थे। मंच पर उनके अलावा रामकृपाल यादव, नंदकिशोर यादव समेत बीजेपी के तमाम यादव नेता मौजूद थे। जाति आधारित गणना के बाद यह साफ हो गया है कि बिहार में यादवों की आबादी 14 फीसदी है, अगर इसमें कोई सेंधमारी होती है तो यह एनडीए के लिए मुसीबत होगी। यह एक बड़ी सफलता मानी जायेगी। बीजेपी ने 2024 से पहले जाति आधारित जनगणना को हथियार बनाकर नीतीश और लालू से छुटकारा पाने की पूरी रणनीति तैयार कर ली है। अब देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी इसमें कितनी सफलता हासिल करती है।