अभिषेक कुमार/हाजीपुर(वैशाली)
बिहार से बड़ा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘अपने’ ही उनकी नीती को तोड़ प्रदेश की जवानी की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने में जुटे हैं। प्रदेश में शराब बंदी को सिरे चढ़ाने में जुटी पुलिस ने तस्करी के एक मामले की जांच में बड़ा खुलासा किया है। सत्ताधारी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का सक्रिय कार्यकर्ता ही शराब माफिया निकला। पुलिस ने पार्टी के जिला महासचिव राजीव रंजन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हालांकि अभी राजीव की गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
11 अक्टूबर को ट्रक में लोड 546 पेटी शराब के साथ 3 को पकड़ा था पुलिस ने
बता दें कि 11 अक्टूबर को ही पटना मद्य निषेध और महनार थाने की पुलिस टीम ने संयुक्त रूप से करवाई करते हुए 546 पेटी शराब के साथ तीन को गिरफ्तार किया था। गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने ट्रक को रोका तो बड़ी चालाकी से ट्रक के अंदर बाथरूम जैसा डबल तहखाना बनाकर शराब की तस्करी की जा रही थी। गिरफ्तार लोगों की पहचान ट्रक के ड्राइवर विष्णु कुमार, खलासी गौरव पाल और लाइनर मंजय कुमार के रूप में हुई थी।
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पुलिस की तरफ से जानकारी मिली है कि मौके से गिरफ्तार किए गए तीनों लोगों से पूछताछ के बाद इस संबंध में 16 लोगों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया गया, जिनमें बिदुपुर थाना क्षेत्र के गांव रहिमापुर का राजीव रंजन पुत्र नवल किशोर भी शामिल है। बड़ी बात यह है कि राजीव रंजन राष्ट्रीय जनता दल का वैशाली जिले का महासचिव बताया है।
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इस खुलासे के बाद पुलिस ने महनार थाने में राजीव रंजन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है, वहीं प्राथमिकी दर्ज होने के बाद महनार पुलिस और मद्य निषेध पुलिस RJD महासचिव राजीव रंजन की तलाश कर रही है। बहरहाल, भले ही इस मामले की जांच में जुटी हुई है, लेकिन इस मामले में सत्ताधारी पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता का नाम सामने आने के बाद प्रदेश की शराब बंदी नीति और स्थानीय राजनीति पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। राज्य में शराबबंदी के बावजूद शराब खुलेआम बिक रही है।