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बिहार

Bihar Election 2025: नवादा में दिलचस्प हो रहा चुनाव, मैदान में उतरीं जेठानी Vs देवरानी

नवादा में हिसुआ की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला. बता दें कि नवादा की हिसुआ विधासभा सीट पर जेठानी और देवरानी एक-दूसरे के सामने चुनावी मैदान में उतर आई हैं. जिसकी चर्चा से बिहार की राजनीति गर्मायी हुई है.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Versha Singh Updated: Oct 25, 2025 10:10

नवादा में हिसुआ की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला. बता दें कि नवादा की हिसुआ विधासभा सीट पर जेठानी और देवरानी एक-दूसरे के सामने चुनावी मैदान में उतर आई हैं. जिसकी चर्चा से बिहार की राजनीति गर्मायी हुई है.

हिसुआ सीट से लगातार छह बार विधायक रहे दिवगंत आदित्य सिंह की बहू और मौजूदा विधायक नीतू कुमारी इस बार भी कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरीं हुईं हैं. वहीं, दूसरी तरफ उनकी देवरानी पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष आभा देवी भाजपा के प्रत्याशी अनिल सिंह के पक्ष में NDA का चुनाव प्रचार करने के चुनावी मैदान में हैं. इस समीकरण को लेकर ही अब चुनावी रण में जेठानी और देवरानी एक-दूसरे के आमने-सामने हैं.

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घर का आपसी कलेश चुनावी मैदार पर आया सामने ?

मिली जानकारी के अनुसार, हिसुआ की राजनीति के माहिर पूर्व राज्यमंत्री दिवंगत आदित्य सिंह के घर का आपसी विवाद अब सतह पर आ गया है. बता दें कि साल 2020 में हुए चुनाव में देवरानी आभा देवी ने अपनी जेठानी नीतू कुमारी के पक्ष में वोट डालने के लिए लोगों के बीच प्रचार किया था. जिसके बाद उस समय लोगों को ऐसा ही लगा था कि उनके बीच चल रहे आपसी विवाद खत्म हो गए हैं. लेकिन 2025 के विधानसभा चुनाव में नवादा में आदित्य सिंह की दोनों पुत्रवधु एक दूसरे के खिलाफ खड़ी हैं. चुनाव में देवरानी- जेठानी के बीच कैंपेन वॉर होने वाला है. जिसे लेकर लोग भी हैरान हैं कि आखिर जीतेगा कौन?

बिहार चुनाव में चाचा Vs भतीजा जंग

बिहार में चुनाव अब अपने चरम पर पहुंच चुके हैं. सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी कमर कस ली है. इस बीच एक और जोड़ी है जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है. बता दें कि चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवान के बीच पारिवारिक और राजनीतिक जंग ने कई लोगों का ध्यान खींचा है. दोनों नेता पासवान वोट बैंक पर अपनी नजरें गड़ाए हुए हैं.

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बता दें कि बिहार में पासवान जाति की आबादी लगभग 69.43 लाख है, जो राज्य की कुल आबादी का 5.31% है. ये वोटबैंक कई विधानसभा सीटों के नतीजों में उलटफेर कर सकता है.

यही कारण है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के बीच पासवान वोटों पर कब्जे की जंग तेज हो गई है. दोनों नेताओं की पार्टियां राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) आमने-सामने हैं.

यह भी पढ़ें- Bihar Election 2025: बिहार में 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही भाजपा, इन 6 जिलों में नहीं उतारा एक भी प्रत्याशी

First published on: Oct 25, 2025 10:10 AM

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