बिहार में सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। बिहार और झारखंड के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 11 ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। यह कार्रवाई पेपर लीक मामले में संलिप्त बड़े स्तर के गैंग और आरोपियों के ठिकानों पर की जा रही है। पटना में डॉक्टर शिव नामक आरोपी के ठिकानों पर छापेमारी चल रही है। वहीं, रांची में सिकंदर प्रसाद यादवेंद्र के परिसरों पर भी ईडी की टीम पहुंची है। सूत्रों के मुताबिक,पेपर लीक कांड के मास्टरमाइंड माने जा रहे संजीव मुखिया के कई रिश्तेदारों के ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है।
कई राज्यों में चल रही है कार्रवाई
खबर के मुताबिक, बिहार पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंसेज यूनिट (EOU) द्वारा की गई शुरू की जांच के आधार पर ईडी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। उसी के आधार पर एक साथ आज कई राज्यों में कार्रवाई हो रही है।
कहां-कहां चल रहा है सर्च ऑपरेशन?
ईडी की टीमें नालंदा, लखनऊ और कोलकाता में भी सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। अधिकारियों के मुताबिक, पेपर लीक से आई काली कमाई को कई माध्यमों से वैध करने की कोशिश की गई, जिसे खोजने के लिए यह छापेमारी बहुत जरूरी है। इस पूरे घटनाक्रम से इतना तो साफ है कि सिपाही भर्ती पेपर लीक का मामला एक संगठित आपराधिक नेटवर्क से जुड़ा है, जिसमें बिहार से लेकर झारखंड और अन्य राज्यों तक की कड़ी मौजूद है। ईडी की इस कार्रवाई से मामले की परत दर परत खुलने की पूरी संभावना जताई है।
क्या था बिहार कांस्टेबल भर्ती घोटाला?
2023 में पुलिस कांस्टेबल भर्ती के लिए एग्जाम आयोजित किया गया था। पूरे राज्य में लाखों बच्चों ने रिक्वायरमेंट प्रोसेस की उम्मीद की किरण लेकर बैठे थे, लेकिन यह एग्जाम पेपर लीक, ब्लूटूथ गैंग और फेक कैंडिडेट्स के जाल में फंसकर रह गई थी। सिर्फ इतना ही नहीं रिटन एग्जाम के अलावा फिजिकल टेस्ट में भी फर्जीवाड़ा सामने आया।
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