Bihar Diwas 2025 Historical Significance: 22 मार्च 1912…यह तारीख न सिर्फ बिहार बल्कि देश के इतिहास में हमेशा के लिए अमर है। इसी तारीख को बिहार पहली बार अस्तित्व में आया था, जिसे हम बिहार दिवस के रूप में मनाते हैं। बिहार को बने आज 113 साल हो चुके हैं। मगर सवाल यह है कि 1912 के पहले बिहार कैसा दिखता था और आज के बिहार का निर्माण क्यों और कैसे किया गया?
बिहार दिवस की धूम
बिहार की गिनती आज देश के अहम राज्यों में होती है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बिहार दिवस की बधाई दी है। राष्ट्रपति ने बिहार को ज्ञान और विकास का केंद्र करार दिया है, तो वहीं पीएम मोदी ने बिहार को वीरों की पावन धरती कहा है। इसी के साथ सीएम नीतीश ने लिखा कि गर्व से कहो हम बिहारी हैं!
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बिहार दिवस पर राज्य के सभी निवासियों को मैं हार्दिक बधाई देती हूं। बिहार की धरती प्राचीन काल से ही ज्ञान और विकास का केंद्र रही है। मेरा विश्वास है कि बिहार के निवासी अपनी प्रतिभा, दृढ़ संकल्प तथा परिश्रम के बल पर विकसित बिहार और विकसित भारत के निर्माण में अपना भरपूर योगदान देते…
---विज्ञापन---— President of India (@rashtrapatibhvn) March 22, 2025
वीरों और महान विभूतियों की पावन धरती बिहार के अपने सभी भाई-बहनों को बिहार दिवस की ढेरों शुभकामनाएं। भारतीय इतिहास को गौरवान्वित करने वाला हमारा यह प्रदेश आज अपनी विकास यात्रा के जिस महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है, उसमें यहां के परिश्रमी और प्रतिभाशाली बिहारवासियों की अहम भागीदारी…
— Narendra Modi (@narendramodi) March 22, 2025
#बिहार_दिवस के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। बिहार का इतिहास गौरवशाली है और हम वर्तमान में अपने निश्चय से बिहार का गौरवशाली भविष्य तैयार कर रहे हैं। विकसित बिहार के सपने को साकार करने में भागीदारी के लिए मैं आप सभी का आह्वान करता हूं। हम सब मिलकर बिहार के गौरव को नई…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) March 22, 2025
बंगाल से निकला बिहार
12 दिसंबर 1911 को अंग्रेजी हुकूमत ने देश की राजधानी कोलकाता से दिल्ली शिफ्ट कर दी। अंग्रेजी सत्ता का केंद्र रहा बंगाल अब विरान होने वाला था। हालांकि जाने से पहले अंग्रेजों ने बंगाल का भी विभाजन कर दिया। इसी कड़ी में 22 मार्च 1912 को बंगाल से बिहार अलग हुआ और इसी के साथ बिहार के रूप में देश को 12वां राज्य मिला।
बिहार का विभाजन
बंगाल से अलग होने के बाद भी बिहार का क्षेत्रफल काफी बड़ा था। ऐसे में बिहार को एक नहीं बल्कि 2 बार विभाजन का दंश झेलना पड़ा। 1936 में पहले ओडिशा को बिहार से अलग करके नए राज्य का दर्जा दिया गया। वहीं साल 2000 में झारखंड को भी बिहार से अलग कर दिया गया, जिसके बाद आज का बिहार बना है।
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