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Bihar caste census: SC में जातिगत जनगणना के खिलाफ एक ओर याचिका, यह दिया गया तर्क

Bihar caste census: बिहार में जातिगत जनगणना के खिलाफ सु्प्रीम कोर्ट (SC) में एक ओर याचिका दायर की गई है। अब इस मामले में पहले से चल रही याचिका समेत दोनों अर्जियों पर 20 जनवरी को सुनवाई तय की गई है। पेश याचिकाकर्ताओं में कहा गया है कि बिहार सरकार द्वारा राज्य में जाति सर्वेक्षण […]

Edited By : Amit Kasana | Updated: Jan 12, 2023 15:44
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Supreme Court, Article 370, Jammu Kashmir, Ladakh, PM Modi,
फाइल फोटो

Bihar caste census: बिहार में जातिगत जनगणना के खिलाफ सु्प्रीम कोर्ट (SC) में एक ओर याचिका दायर की गई है। अब इस मामले में पहले से चल रही याचिका समेत दोनों अर्जियों पर 20 जनवरी को सुनवाई तय की गई है। पेश याचिकाकर्ताओं में कहा गया है कि बिहार सरकार द्वारा राज्य में जाति सर्वेक्षण कराने के लिए जारी छह जून 2022 की अधिसूचना को रद्द किया जाए। याचिका में कहा गया है कि जनगणना का विषय संविधान की 7वीं अनुसूची की सूची-एक में आता है और केवल केंद्र के पास ही इस कवायद को आयोजित करने की शक्ति है।

अधिसूचना अवैध, मनमानी, तर्कहीन

याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि बिहार में जातिगत जनगणना की अधिसूचना संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करती है जो कानून के समक्ष समानता और कानून के तहत समान सुरक्षा प्रदान करता है। याचिका में कहा गया कि अधिसूचना अवैध, मनमानी, तर्कहीन और असंवैधानिक है।

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200 से अधिक जातियां है

बता दें बिहार सरकार राज्य में जातिगत जनगणना करा रही है। सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इससे पहले अदालत को बताया गया था कि बिहार में कुल 200 से अधिक जातियां है और उन सभी जातियों को सामान्य श्रेणी, ओबीसी, ईबीसी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

 

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Written By

Amit Kasana

First published on: Jan 12, 2023 03:44 PM

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