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पेपरलीक पर बिहार में बना कानून, 10 साल की सजा का प्रावधान, जानें पूरी डिटेल

Bihar Paper Leak Law: नए कानून के मुताबिक अगर परीक्षा कराने वाली एजेंसी कानून का उल्लंघन करती है तो उसके लिए 1 करोड़ जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही परीक्षा की लागत भी उसी से वसूली जाएगी।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Jul 24, 2024 14:47
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार | फाइल फोटो
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार | फाइल फोटो

Paperleak Law in Bihar: बिहार में पेपरलीक पर लगाम लगाने के लिए नया कानून विधानसभा से पास हो गया है। नए कानून के मुताबिक पेपरलीक या इससे किसी भी गतिविधि में शामिल व्यक्ति दोषी करार दिए जाएंगे। इन्हें 10 साल की सजा के साथ एक करोड़ जुर्माने का प्रावधान है। कानून के अधीन सभी अपराध संज्ञेय और गैर जमानती हैं। दरअसल परीक्षा में धांधली और पेपर लीक मामले को लेकर बुधवार को नीतीश कुमार सरकार ने बिहार लोक परीक्षा (अनुसूचित साधन निवारण) विधेयक 2024 बिहार विधानसभा में पेश किया। ये विधेयक बहुमत के साथ पारित हुआ। इस कानून के तहत आरोपियों को 10 साल की सजा और 1 करोड़ जुर्माना का प्रावधान किया गया है।

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विजय चौधरी ने विपक्ष पर साधा निशाना
बिहार सरकार में मंत्री विजय चौधरी ने कहा, ‘अपराध करने वाले का बचाव करने के लिए सदन से विपक्षी दल बाहर चले गए हैं। बिहार की जनता देख रही है। पेपर लीक मामले को बिहार सरकार ने गंभीरता से लिया है। 16 राज्यों में 48 ऐसे मामले आए हैं जिसमें परीक्षा में गड़बड़ी की गई है।’

‘पहले कानून कड़ा नहीं था’
चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी राष्ट्रीय स्तर पर कानून लागू किया है और अब बिहार सरकार भी कानून लागू करने जा रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में 1981 में जो कानून थे, उसमें सजा के कड़े प्रावधान नहीं थे। केवल 6 महीने की ही सजा थी। इस बार हम लोगों ने सख्त कानून बनाया है।

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बिहार सरकार में मंत्री ने कहा कि ‘गड़बड़ी में शामिल लोगों को तीन से पांच साल तक की सजा होगी और 10 लाख तक जुर्माना होगा। संगठित रूप से अपराध करने वाले को 5 से 10 साल तक की सजा और 1 करोड़ तक जुर्माने का प्रावधान है।’

परीक्षार्थियों को 3 से 5 साल की सजा
अगर कोई अभ्यर्थी नियमों का उल्लंघन करते पाया जाता है तो उसके लिए तीन से पांच साल की सजा और 10 साल के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। अगर परीक्षा कराने वाली एजेंसी या संस्थान कानून का उल्लंघन करता है तो उनके एक करोड़ जुर्माने का प्रावधान है। परीक्षा की लागत भी सेवा प्रदाता से ही वसूली जाएगी। उसे चार साल के लिए ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है।

First published on: Jul 24, 2024 02:24 PM

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