Bihar Elections 2025: बिहार की मोकामा विधानसभा सीट पर बाहुबली और जातीय समीकरण मिलकर सत्ता का संतुलन तय करते आए हैं. इस सीट पर एक बार फिर बाहुबली नेता जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह ने आरजेडी उम्मीदवार वीणा देवी को 28206 वोटों से हरा दिया है. इससे पहले 2020 में अनंत सिंह राजद ही जीते थे. वहीं 2015 में वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विजयी रहे थे. 2010 में यह सीट जदयू (JDU) के पास थी. जातीय समीकरण के नजरिए से देखा जाए तो इस बार फिर मुकाबला भूमिहार बनाम भूमिहार था. जदयू से अनंत सिंह और आरजेडी से वीणा देवी चुनाव लड़ी. चुनाव भले वीणा देवी लड़ रही हों, लेकिन राजनीतिक रूप से यह टक्कर अनंत सिंह बनाम सूरजभान सिंह मानी जा रही थी.
4 बार से लगातार विधायक अनंत सिंह
बिहार की मोकामा विधान सभा सीट बाहुबलियों की राजनीति का प्रतीक माना जाती रही है. इस सीट पर 1990 के दशक से ही ताकतवर नेताओं का दबदबा रहा है. तीन दशकों में तीन बड़े बाहुबली- दिलीप सिंह, सूरजभान सिंह और अनंत सिंह ने इस क्षेत्र से जीत दर्ज की है. दिलीप सिंह 1990 से 2000 जनता दल से, सूरजभान सिंह 2000 से 2005 तक निर्दलीय और अनंत सिंह 2005 से 2022 तक लगातार विजयी रहे. 2022 के उपचुनाव में अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने RJD के टिकट पर जीत दर्ज की थी. दिलचस्प यह है कि मोकामा की राजनीति हमेशा किसी न किसी बाहुबली परिवार के इर्द-गिर्द घूमती रही है.
आनंत सिंह की जनता के बीच एक स्थानीय ‘सरकार’ जैसी छवी
मोकामा विधान सभा सीट पर दिलचस्प चुनावी मुकाबला देखने को मिला. एक तरफ थे जदयू के उम्मीदवार बाहुबली नेता अनंत सिंह. इनकी क्षेत्र में छवि जनता के बीच एक स्थानीय ‘सरकार’ जैसी है. वहीं दूसरी ओर सूरजभान सिंह का परिवार राजनीतिक प्रभाव के दम पर मैदान में है. जिसके बाद यह पहले से ही तय हो गया था कि इस चुनाव में भी मोकामा विधान सभा सीट पर जीत किसी बाहुबली की ही होगी. राजनीतिक जानकारों का मानना था कि यह चुनाव मोकामा के इतिहास को एक बार फिर दोहराने वाला है. इस चुनाव में इस सीट पर बाहुबल, जनसंपर्क और जातीय समीकरण तीनों एक साथ मिलकर अपनी-अपनी भूमिका निभाई है.










