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बिहार कला पुरस्कार 2025 से सम्मानित हुए 52 कलाकार, 6 कलाकारों को राष्ट्रीय पुरस्कार

बिहार की सांस्कृतिक विरासत को संजोने और कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए बुधवार को पटना के होटल मौर्या में 'बिहार कला पुरस्कार 2025' का भव्य आयोजन किया गया. कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की ओर से आयोजित समारोह में उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और विभागीय मंत्री मोतीलाल प्रसाद ने साल 2022-23, 2023-24 और 2024-25 के लिए चयनित 52 उत्कृष्ट कलाकारों को सम्मानित किया.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Versha Singh Updated: Sep 24, 2025 22:52

बिहार की सांस्कृतिक विरासत को संजोने और कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए बुधवार को पटना के होटल मौर्या में ‘बिहार कला पुरस्कार 2025’ का भव्य आयोजन किया गया. कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की ओर से आयोजित समारोह में उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और विभागीय मंत्री मोतीलाल प्रसाद ने साल 2022-23, 2023-24 और 2024-25 के लिए चयनित 52 उत्कृष्ट कलाकारों को सम्मानित किया. कलाकारों को कुल ₹27,72,000/- की सम्मान राशि के साथ प्रमाण पत्र, स्मृति चिन्ह एवं पारंपरिक अंगवस्त्र भेंट किए गए. इस मौके पर कलाकारों की उपलब्धियों को दर्शाती एक स्मारिका का भी विमोचन हुआ.

दीप प्रज्वलन के साथ हुआ उद्घाटन

समारोह का शुभारंभ बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री मोतीलाल प्रसाद, विभागीय सचिव प्रणव कुमार, संस्कृति कार्य निदेशालय की निदेशक रूबी, संयुक्त सचिव महमूद आलम, निदेशक संग्रहालय निदेशालय कृष्ण कुमार एवं प्रशासी पदाधिकारी कहकशां द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया.

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हर वर्ष सम्मानित होंगे कलाकार: उप मुख्यमंत्री

उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने घोषणा की कि अब हर साल बिहार के कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कलाकार समाज की सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखते हैं और अपनी कला के माध्यम से युवाओं को प्रेरित करते हैं. विरासत और विकास को साथ लेकर चलना हमारा लक्ष्य है. कला ईश्वर का प्रदत्त एक दिव्य गुण है, जो मन के विकारों को दूर करता है. बिहार सौभाग्यशाली है कि यहां अंगिका, मैथिली, मगही, बज्जिका और भोजपुरी जैसी पांच सजीव भाषाओं में सृजन हो रहा है, जिसे हम ‘भाषाई पंचामृत’ कह सकते हैं. यह केवल कला नहीं, हमारी सांस्कृतिक विरासत है. सिन्हा ने बिहार की फिल्म नीति को देश में सर्वश्रेष्ठ बताते हुए कहा कि यह कला और संस्कृति को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी.

विभागीय मंत्री मोतीलाल प्रसाद ने कहा कि तीन वर्षों से लंबित इस आयोजन को अब नियमित रूप से आयोजित किया जाएगा. प्रसाद ने सभागार में उपस्थित तमाम कला प्रेमियों तथा पुरस्कृत कलाकारों और उनके परिवारों का आभार व्यक्त किया. इसके साथ ही उन्होंने विभाग के अधिकारियों और मीडिया के लोगों का भी आभार व्यक्त किया.

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विभाग के सचिव प्रणव कुमार ने कहा कि कलाकार का दर्जा भगवान समान हैं, क्योंकि दोनों ही सृजन करते हैं. राज्य सरकार कलाकारों के प्रोत्साहन के लिए हरसंभव प्रयास करेगी. उन्होंने कहा कि चयन प्रक्रिया में कुछ व्यावहारिक कठिनाइयां अवश्य थीं, लेकिन अंततः उन कलाकारों को सम्मानित किया गया है जिन्होंने बिहार की सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत बनाए रखा है.

52 कलाकारों को पुरस्कार

समारोह में 18 नवोदित कलाकारों को 25,000 रुपये, 22 स्थापित कलाकारों को 50,000 रुपये, 6 कलाकारों को राष्ट्रीय पुरस्कार और 6 कलाकारों को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार के तहत 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया. सभी सम्मानित कलाकारों को अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट किए गए. कार्यक्रम में मशहूर लोकगायिका कल्पना पटवारी ने भिखारी ठाकुर का ‘बेटी बेचवा’ गीत प्रस्तुत कर दर्शकों को भावविभोर कर दिया.

6 कलाकार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित

पुरस्कार प्राप्त कलाकारों की श्रेणियां

समारोह में कलाकारों को चार श्रेणियों में सम्मानित किया गया:

-राष्ट्रीय पुरस्कार
-लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार
-स्थापित कलाकार पुरस्कार
-नवोदित कलाकार पुरस्कार

वर्ष 2022-23:
राष्ट्रीय पुरस्कार: प्रदर्श कला में स्व. चित्रा प्रसाद, चाक्षुष कला में पद्मश्री दुलारी देवी.
लाइफटाइम अचीवमेंट: चाक्षुष कला में अनिल बिहारी, प्रदर्श कला में सुमन कुमार.

वर्ष 2023-24:
राष्ट्रीय पुरस्कार: प्रदर्श कला में लोकगायिका कल्पना पटवारी, चाक्षुष कला में पद्मश्री बऊवा देवी.
लाइफटाइम अचीवमेंट: चाक्षुष कला में पद्मश्री निर्मला देवी, प्रदर्श कला में भरत सिंह भारती.

वर्ष 2024-25:
राष्ट्रीय पुरस्कार: प्रदर्श कला में रत्नेश्वर प्रसाद, चाक्षुष कला में अशोक कुमार विश्वास.
लाइफटाइम अचीवमेंट: चाक्षुष कला में शिवन पासवान, प्रदर्श कला में भरत शर्मा व्यास.

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कार्यक्रम के अंत में संस्कृति कार्य निदेशालय की निदेशक रूबी ने सभी गणमान्य अतिथियों, कलाकारों एवं विभागीय अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा: यह आयोजन हमारी साझा भावना, समर्पण और सांस्कृतिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है. हम भविष्य में भी इसी समर्पण के साथ कार्य करते रहेंगे.

यह आयोजन न केवल राज्य के प्रतिभाशाली कलाकारों को मंच देने का सशक्त माध्यम बना, बल्कि यह भी स्पष्ट संदेश दिया कि बिहार सरकार कला एवं संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन हेतु पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

First published on: Sep 24, 2025 10:48 PM

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