नई दिल्ली: क्रिकेट के इतिहास में इंडिया-पाकिस्तान का मैच दुनिया के सबसे कड़े मुकाबलों में से एक माना जाता है। जब-जब दोनों टीमें आमने-सामने होती हैं करोड़ों क्रिकेटप्रेमी इस पर एकटक नजरें जमाए रहते हैं। सोचिए धड़कनें बढ़ा देने वाले मैच से पहले खिलाड़ियों पर कितना प्रैशर होता होगा। टीम इंडिया ने 2011 के सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ शानदार जीत दर्ज की थी। इससे जुड़े कई किस्से आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं और जब खुद भारत के महान सचिन तेंदुलकर कोई किस्सा सुनाएं तो दिलचस्पी बढ़ना लाजिमी है।
कड़ी सुरक्षा थी
तेंदुलकर ने पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले से पहले टीम के साथियों को दी गई एक स्पीच का खुलासा किया है। आईसीसी को दिए इंटरव्यू में तेंदुलकर ने कहा- हल्का क्षण नहीं था, क्योंकि ये विश्व कप का सेमीफाइनल था। भारत-पाकिस्तान खेल रहे थे। दोनों देशों के प्रधानमंत्री वहां जा रहे थे इसलिए बहुत कड़ी सुरक्षा थी। जैसा कि आप जानते हैं एक बार जब हम मैदान पर जाते हैं, तो पहले लंच करते हैं और फिर वार्म-अप सेशन के लिए चले जाते हैं। फिर खेल के लिए धीरे-धीरे मैदान में उतरते हैं।
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Sachin Tendulkar recalled how he rallied the troops before India's epic 2011 @cricketworldcup semi-final clash against Pakistan 💪
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भूख के मारे परेशान हो रही थी टीम
तेंदुलकर ने आगे कहा- दरअसल सुरक्षा कारणों से हमारा खाना ग्राउंड तक नहीं पहुंचा था और पूरी टीम परेशान हो रही थी। सब पूछ रहे थे- लंच किधर है? विश्व कप सेमीफाइनल में ये सब क्या हो रहा है? कुछ समय तक ये सब चलता रहा। यहां तक कि जब हम अपने वार्म-अप के लिए मैदान पर गए, तब भी कुछ खिलाड़ी इसके बारे में सोच रहे थे।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि लंच किया या नहीं
यहीं तेंदुलकर ने मौके का फायदा उठाया और टीम में जोश जगाने का काम किया। तेंदुलकर ने कहा- हम आपस में उलझे हुए थे, तभी मैंने बात करना शुरू कर दिया। मैंने कहा- दुनिया को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमने मैच से पहले लंच किया या नहीं। यह वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल है। यदि आप इतने भूखे हैं, तो दुनिया को दिखा दें कि कितने रन बना सकते हैं या कितने विकेट ले सकते हैं। इसी में उनकी दिलचस्पी है। किसी को यह जानने में दिलचस्पी नहीं है कि आपने लंच या ब्रेकफास्ट किया या नहीं। वहां जाओ और अपना खेल दिखा दो।
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तेंदुलकर ने खेली थी 111 रन की पारी
तेंदुलकर के इन शब्दों का ऐसा असर हुआ कि भारतीय टीम ने इस मैच में कांटे की टक्कर देते हुए मैच अपने नाम कर लिया। तेंदुलकर ने खुद 111 गेंदों में 85 रनों की पारी खेली थी और उस दिन वह सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। तेंदुलकर को शानदार पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया। तीन दिन बाद उन्होंने विश्व कप जीतने का सपना पूरा किया।
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