Will BCCI Come Under RTI: बीसीसीआई अगर आरटीआई कानून के तहत आ जाएगा, तो उसके फंड की जानकारी आम लोगों को भी मिल पाएगी, लेकिन इसमें एक पेंच है. केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि बीसीसीआई को मान्यता प्राप्त नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन (NSF) के तौर पर नहीं देखा जाता है, और ये लंबे वक्त से बनी स्थिति है, जिसे अगले साल नए नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस एक्ट के लागू होने के बाद बदलाव की उम्मीद है. मंत्री ने कोलकाता दक्षिण से टीएमसी सांसद माला रॉय के सवाल के जवाब में ऐसा कहा.
बीसीसीआई को कंट्रोल में लेगी सरकार?
माला रॉय ने पूछा कि क्या सरकार का इरादा बड़ी स्पोर्ट्स बॉडीज जैसे कि बीसीसीआई और फंड की परेशानी से जूझ रही ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) को उनके ‘सही और सुचारू संचालन’ के लिए कंट्रोल में लेने का है. मंडाविया ने दोहराया कि नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन (NSFs) वॉलेंट्री बॉडीज हैं, जिनसे ये उम्मीद की जाती है कि वे ‘हेल्दी मैनेजमेंट प्रैक्टिसेज’ को फॉलो करें. मंडाविया ने कहा, ‘इसके अलावा, भारत में बीसीसीआई को राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSF) के तौर पर मान्यता हासिल नहीं है.’
क्या कहता है नया कानून?
नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस एक्ट इस साल अगस्त में पारित किया गया था और इसके नियम जल्द ही नोटिफाई किए जाने हैं. मंडाविया ने अगले साल की शुरुआत में इस एक्ट को पूरी तरह से लागू करने का वादा किया है. इसमें एक नेशनल स्पोर्ट्स बोर्ड (NSB) बनाने का प्रोविजन है ताकि कड़ी जवाबदेही का सिस्टम बन सके और सभी राष्ट्रीय खेल संघों को केंद्रीय सरकार की वित्तीय सहायता तक पहुंच के लिए एनएसबी की मान्यता हासिल करनी होगी.
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क्या आरटीआई के तहत आएगी बीसीसीआई?
बीसीसीआई अब तक रिकॉग्नाइज्ड नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन नहीं रहा है क्योंकि ये सरकारी फंड पर निर्भर नहीं है. हालांकि, नए एक्ट के लागू होने के बाद इसे एक NSF के तौर पर रिजेस्ट्रेशन कराना होगा क्योंकि क्रिकेट अब एक ओलंपिक खेल बन चुका है, जो टी-20 फॉर्मेट में 2028 के खेलों में डेब्यू करने के लिए तैयार है.मंत्रालय ने पहले ही बोर्ड को कुछ राहत दी है जब ये आरटीआई एक्ट से जुड़े प्रावधानों की बात आती है जो नए अधिनियम के तहत एनएसएफ पर लागू होंगे. इसने एक्ट में आरटीआई से प्रावधान को संशोधित किया है, सिर्फ उन निकायों को इसके दायरे में रखा है जो सरकारी फंड और मदद पर निर्भर हैं
RTI से बच जाएगी बीसीसीआई
आरटीआई बीसीसीआई के लिए एक कांटेदार मुद्दा रही है, जिसने इसके अधीन आने का लगातार विरोध किया है क्योंकि बोर्ड दूसरे ज्यादातर राष्ट्रीय खेल संघों (NSFs) के उलट सरकारी फंड पर निर्भर नहीं है. सोमवार को लोकसभा में, खेल मंत्री ने ये भी कहा कि जिन राष्ट्रीय खेल संघों को सालाना फंड एक करोड़ रुपये से ज्यादा मिलता है, उनके खातों का ऑडिट सीएजी (CAG) की तरफ से किया जाता है.










