Vinesh Phogat CAS Hearing Verdict: पेरिस ओलंपिक में महिला कुश्ती के 50 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल मुकाबले के लिए विनेश फोगाट को अयोग्य करार दिए जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय खेल पंचाट (CAS) के फैसले का इंतजार बढ़ता जा रहा है। दरअसल विनेश फोगाट ने खेल पंचाट में संयुक्त रूप से सिल्वर दिए जाने की मांग की है। मामले की सुनवाई पूरी हो गई है, लेकिन 140 करोड़ भारतीयों को खेल पंचाट के फैसले का इंतजार है। मीडिया रिपोर्ट्स में पहले कहा गया था कि फैसला 13 अगस्त को आ सकता है, लेकिन हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक विनेश पर फैसले के लिए 14 अगस्त का इंतजार करना पड़ सकता है।
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100 ग्राम वजन ने तोड़ दी उम्मीदें
विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में कुश्ती के फाइनल मुकाबले में जगह बना ली थी, लेकिन दूसरे दिन हुए वजन में उनका वेट 100 ग्राम ज्यादा पाया गया था। इसलिए विनेश फोगाट को फाइनल मुकाबले के लिए अयोग्य करार दिया गया। विनेश को फाइनल मुकाबले में गोल्ड का दावेदार माना जा रहा था। लेकिन अयोग्य करार दिए जाने से 140 करोड़ भारतीयों की उम्मीदें टूट गईं। बाद में विनेश फोगाट ने खेल पंचाट में अपील करके सिल्वर पदक दिए जाने की मांग की।
Proposed Immediate Rule Changes for UWW:
---विज्ञापन---1.) 1kg second Day Weight Allowance.
2.) Weigh-ins pushed from 8:30am to 10:30am.
3.) Forfeit will occur in future finals if opposing finalist misses weight.
4.) After a semifinal victory, both finalists’ medals are secured even if…
— Jordan Burroughs (@alliseeisgold) August 7, 2024
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विनेश का तीसरा ओलंपिक
खेल पंचाट में विनेश फोगाट की मांग है कि उन्हें क्यूबा की पहलवान यूसनेलिस गुजमैन लोपेज के साथ कुश्ती का सिल्वर दिया जाए। जो सेमीफाइनल में विनेश से हार गईं थीं। बाद में विनेश को अयोग्य करार दिए जाने के बाद गुजमैन लोपेज को फाइनल खेलने का मौका मिला। अयोग्य करार दिए जाने के अगले दिन विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया। विनेश को दुनिया भर के पहलवानों से समर्थन मिला है। स्टार एथलीट्स ने ट्वीट कर विनेश को सिल्वर मेडल देने के लिए सोशल मीडिया पर अपनी आवाज उठाई है। 29 वर्षीय विनेश फोगाट तीसरी बार ओलंपिक में हिस्सा ले रही थीं।
पीटी उषा के बयान पर हंगामा
इस बीच भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा के बयान पर हंगामा मच गया है। पीटी उषा ने विनेश के मामले में कहा कि वजन को ठीक रखना खिलाड़ी और कोच की जिम्मेदारी होती है। खासकर कुश्ती, भारोत्तोलन, मुक्केबाजी और जूडो जैसे खेलों में। इन खेलों में एथलीटों के वजन प्रबंधन की जिम्मेदारी प्रत्येक एथलीट और उसके कोच की है, न कि भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा नियुक्त मुख्य मेडिकल ऑफिसर दिनशा पारदीवाला या उनकी टीम की।