---विज्ञापन---

IND vs NZ: कागजी शेर मैदान पर ढेर, धरा का धरा रह गया कोहली-रोहित का अनुभव, कुछ तो शर्म करो टीम इंडिया!

भारतीय टीम को दूसरे टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड के हाथों 113 रन से हार का मुंह देखना पड़ा। इस हार के साथ ही टीम इंडिया को 12 साल में पहली बार अपने घर में टेस्ट सीरीज गंवानी पड़ी।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Oct 26, 2024 22:35
Share :
Virat Kohli

IND vs NZ: बड़ी पुरानी कहावत है, ‘नाम बड़े और दर्शन छोटे।’ यह लाइन दिग्गजों से सजे भारतीय बैटिंग ऑर्डर पर एकदम फिट बैठती है। क्रिकेट को भारत में पूजा जाता है और रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे बल्लेबाजों को भगवान तक का दर्जा दिया जाता है। इन्हीं क्रिकेटर्स की एक झलक पाने के लिए फैन्स पागल हो जाते है। इस देश में इन प्लेयर्स को इतना प्यार मिलता है, जिसको शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। मगर जब यह क्रिकेटर्स अपने ही काम को ठीक तरह से अंजाम नहीं दे पाते हैं, तो इन्हीं फैन्स का दिल बहुत दुखता है। न्यूजीलैंड के खिलाफ हर किसी को लगा था कि टीम इंडिया आसानी से बाजी मारने में सफल हो जाएगी। हालांकि, किसी को क्या पता था कि बांग्लादेश जैसी टीम से हारने वाली न्यूजीलैंड भारत के घर में ही रोहित की पलटन पर इस कदर भारी पड़ेगी।

कीवी टीम ने तो दमदार खेल दिखाया ही, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने जिस तरह का प्रदर्शन दोनों टेस्ट मैचों में किया उसे देखकर हर क्रिकेट फैन का खून खौल उठा। कोहली, रोहित, पंत, शुभमन गिल जैसे बल्लेबाज बेंगलुरु और पुणे में ऐसा खेले जैसे मानो अभी इनकी क्लब क्रिकेट में एंट्री हुई है। आम से दिख रहे कीवी बॉलिंग अटैक को देखकर हमारे बल्लेबाजों के हाथ-पैर फूल गए। बात अगर सिर्फ बेंगलुरु टेस्ट की पहली पारी की होती, तो हर कोई इसे बुरा दिन कहकर भुला देता। मगर यह तो एक ही गलती को एक नहीं, बल्कि तीन पारियों में दोहराया गया।

---विज्ञापन---

कागजी शेर मैदान पर ढेर

यशस्वी जायसवाल, रोहित शर्मा, विराट कोहली, ऋषभ पंत, शुभमन गिल, रविंद्र जडेजा। यह नाम कोई आम खिलाड़ियों के नहीं हैं, बल्कि इन प्लेयर्स की गिनती विश्व के सबसे बेहतरीन प्लेयर्स में की जाती है। हालांकि, सच्चाई तो यह भी है कि अगर आपकी टीम मुश्किल में हो और तब आप काम ना आएं, तो स्टार खिलाड़ी होने का क्या ही मतलब। पुणे टेस्ट में टीम इंडिया के सामने 359 रन का लक्ष्य था। रोहित फ्लॉप हो गए, लेकिन यशस्वी जायसवाल ने दमखम दिखाया और 77 रन की पारी खेली। 96 रन स्कोर बोर्ड पर लग चुके थे और सिर्फ एक ही विकेट गिरा था। अगर आप दुनिया की टॉप टीम हैं, तो यहां से आपसे यह उम्मीद की जाती है कि आप इस शुरुआत का फायदा उठाएंगे और उस मोमेंटम को जारी रखेंगे।

मगर टीम इंडिया के साथ तो ठीक इसका उल्टा हो गया। 96 पर एक से देखते ही देखते हालात इस कदर बिगड़ गए कि 150 का आंकड़ा पार करते-करते टीम के पांच बल्लेबाज पवेलियन लौट गए। अब जब विराट कोहली, रोहित शर्मा जैसे बल्लेबाज नहीं चले, तो आप निचले क्रम से क्या ही उम्मीद रखेंगे। हुआ भी वही और पूरी टीम 245 पर ढेर हो गई।

धरा का धरा रह गया अनुभव

रोहित शर्मा 63 मैचों का अनुभव और टेस्ट करियर में अब तक खेली हैं 109 पारियां। विराट कोहली 117 टेस्ट मैचों का एक्सपीरियंस और 199 टेस्ट पारियां। एक के नाम टेस्ट में 12 तो दूसरे के नाम 29 शतक। हालांकि, इतने अनुभव का क्या फायदा जब आप मुश्किल परिस्थिति में अपनी टीम की ढाल ही ना बन सको। दो टेस्ट मैचों में से रोहित शर्मा तो 2 बार बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गए। पुणे टेस्ट की दूसरी पारी में जैसे-तैसे कप्तान साहब ने 8 रन बना लिए। वहीं, टीम इंडिया के बैटिंग क्रम की जान कहे जाने वाले कोहली ने तो ऐसा निराश किया कि हर भारतीय फैन का दिल टूट गया। पहली पारी में विराट के बल्ले से निकला सिर्फ एक रन, तो दूसरी इनिंग में किंग कोहली कहे जाने वाले स्टार ने बनाए 17 रन।

रोहित और कोहली इस टेस्ट टीम के सबसे अनुभवी प्लेयर और बल्लेबाज हैं। इन दोनों से यह उम्मीद की जाती है कि मुश्किल वक्त में आप टीम की नैया को पार लगाने की जिम्मेदारी संभालेंगे। मगर सिर्फ इस टेस्ट सीरीज में नहीं, बल्कि पिछले काफी समय से यह दोनों दिग्गज सिर झुकाकर चुपचाप पवेलियन लौट जाते हैं। सवाल तो पूछे जाएंगे और अगर भारतीय टीम में बने रहने है, तो बल्ले से रन भी बनाने होंगे। न्यूजीलैंड सीरीज ने आंखें खोलना का काम किया है, लेकिन इसके बावजूद अगर यही हाल ऑस्ट्रेलिया में हुआ, तो सिलेक्टर्स को कुछ कठिन फैसले लेने से पीछे नहीं हटना चाहिए।

HISTORY

Written By

News24 हिंदी

First published on: Oct 26, 2024 10:35 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें