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क्रिकेट

9 चौके, 4 सिक्स… 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने फिर उड़ाया बल्ले से गर्दा, बनते-बनते रह गया नया इतिहास!

Vaibhav Suryavanshi: 14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने एक बार फिर अपनी बल्ले से जमकर गर्दा उड़ाया है. रणजी ट्रॉफी 2025 में बिहार के लिए खेलते हुए वैभव ने चौके-छक्कों की बारिश कर डाली. हालांकि, वह इतिहास रचने से महज 7 रन दूर रह गए और 93 रनों की धांसू पारी खेलकर आउट हुए.

Author Written By: Shubham Mishra Author Published By : Shubham Mishra Updated: Nov 4, 2025 17:22
Vaibhav Suryavanshi

Vaibhav Suryavanshi: आईपीएल 2025 में अपनी बल्लेबाजी से गदर मचाने के बाद से 14 वर्षीय बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी लगातार सुर्खियों में छाए हुए हैं. वैभव अपने प्रदर्शन के दम पर हर तरफ से जमकर वाहवाही लूट रहे हैं. बिहार के लाल ने अपने ही शहर में एक बार फिर बल्ले से गर्दा उडा़या है.

वैभव भले ही अपने शतक से चूक गए, लेकिन 67 गेंदों की अपनी इनिंग में उन्होंने रणजी ट्रॉफी का मैच देखने आए फैन्स को टी-20 वाला मजा दे दिया. वैभव के बल्ले से दनदनाते हुए 9 चौके निकले. इसके साथ ही उन्होंने 4 बार बाॉल को हवाई यात्रा यानी सिक्स के लिए भेजा.

फिर गरजा वैभव का बल्ला

दरअसल, वैभव सूर्यवंशी रणजी ट्रॉफी 2025 में मेघालय के खिलाफ खेले गए मैच में बिहार की ओर से मैदान पर उतरे. मेघालय ने 7 विकेट खोकर स्कोर बोर्ड पर 407 रन लगाने के बाद अपनी पहली पारी घोषित की. इसके बाद बिहार की तरफ से पारी का आगाज करने अर्नव के साथ वैभव उतरे. 14 वर्षीय बैटर ने पहली ही गेंद से उसी अंदाज में बल्लेबाजी की जिसके लिए वह पूरे वर्ल्ड क्रिकेट में मशहूर हो रहे हैं.

वैभव के आगे मेघालय के गेंदबाज पानी मांगते हुए नजर आए. उन्होंने 67 गेंदों का सामना करते हुए 93 रनों की विस्फोटक पारी खेली. अपनी इस इनिंग के दौरान वैभव ने 138 के स्ट्राइक रेट से खेलते हुए 9 चौके और 4 छक्के जमाए. टेस्ट क्रिकेट वाले फॉर्मेट में वैभव ने टी-20 अंदाज में बैटिंग की और चौके-छक्कों की बौछार कर डाली.

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इतिहास रचने के चूके वैभव

हालांकि, वैभव की आतिशी बैटिंग को देखने पहुंचे फैन्स के मन में यह कसक रह गई कि 14 वर्षीय बैटर अपना शतक पूरा नहीं कर सके. वैभव इतिहास रचने की दहलीज पर खड़े थे, लेकिन वह 7 रन दूर रह गए. वैभव अगर सेंचुरी लगाने में सफल रहते, तो वह फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शतक लगाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज बन जाते. यह रिकॉर्ड अभी ध्रुव पांडोव के नाम दर्ज है, जिन्होंने 14 साल 293 दिन की उम्र में 1988 में सेंचुरी जमाई थी. वहीं, वैभव की इस मैच में खेलते हुए उम्र 14 साल 222 दिन थी.

First published on: Nov 04, 2025 05:22 PM

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