Jitesh Sharma: घरेलू क्रिकेट और फिर आईपीएल में खूब नाम कमाने के बाद जितेश शर्मा की टीम इंडिया में एंट्री हुई थी. विकेटकीपर बल्लेबाज भारतीय जर्सी में भी रंग जमाने में सफल रहा. आरसीबी को आईपीएल 2025 में चैंपियन बनाने में भी जितेश ने अहम भूमिका निभाई.
इन्हीं सभी कारणों के चलते राइजिंग स्टार्स एशिया कप 2025 में जितेश को इंडिया-ए की कप्तानी सौंपी गई. बल्लेबाजी के साथ-साथ शायद सिलेक्टर्स जितेश की लीडरशिप काबिलियत भी देखना चाहते थे. हालांकि, जितेश टूर्नामेंट में बतौर कप्तान और बल्लेबाज बुरी तरह से फेल रहे.
कैप्टेंसी में जितेश ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जो टीम इंडिया की हार के सबसे बड़े कारण बने. जितेश की अगुवाई में भारतीय टीम को पाकिस्तान और फिर सेमीफाइनल में बांग्लादेश के हाथों शर्मसार होकर टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा. आरसीबी ने भी जितेश को काफी बैक किया था और उन्हें टीम भविष्य में बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती थी, लेकिन इस तरह के घटिया प्रदर्शन से जितेश ने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने का काम कर लिया है.
जितेश ने मारी अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी
दरअसल, बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए गए सेमीफाइनल मुकाबले में जितेश शर्मा अपनी कप्तानी और बैटिंग को लेकर सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल हुए. टीम इंडिया को बांग्लादेश के हाथों सुपर ओवर में हारकर टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा. सेमीफाइनल में कप्तान जितेश ने नमन धीर से पारी का 19वां ओवर कराया, जिसमें कुल 28 रन आए और यहीं से मैच पूरी तरह से पलट गया. इसके बाद सुपर ओवर में इनफॉर्म बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी और प्रियांश आर्या को ना भेजकर खुद जितेश बैटिंग करने मैदान पर उतर गए.
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जितेश पहली ही गेंद पर अजीबोगरीब शॉट खेलने के चक्कर में क्लीन बोल्ड हो गए. इसके बाद भी जितेश ने वैभव-प्रियांश को भेजने की जगह आशुतोष को बैटिंग करने भेज दिया, जो रनों के लिए संघर्ष कर रहे थे. नतीजा यह हुआ है कि सुपर ओवर में जितेश की खराब कप्तानी के चलते टीम को बांग्लादेश के खिलाफ सेमीफाइनल में हार का मुंह देखना पड़ा.
आरसीबी में नहीं मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी?
जितेश शर्मा का प्रदर्शन आरसीबी की जर्सी में कमाल का रहा था. आईपीएल 2025 में उन्होंने अपनी बैटिंग के बूते टीम को कई मैचों में जीत दिलाई थी. ऐसे में माना जा रहा था कि जितेश को आरसीबी भविष्य में लीडरशिप रोल भी दे सकती है. जितेश को रजत का डिप्टी बनाया जा सकता था. हालांकि, जितेश ने पूरे टूर्नामेंट में अपनी खराब कप्तानी से बेहद निराश करते हुए अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है. कप्तानी के साथ-साथ जितेश ने अपनी बैटिंग से भी हर किसी को निराश किया, जिसका असर खुद उनके मनोबल पर भी पड़ेगा.










