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Virgin Birth: वैज्ञानिकों की बड़ी खोज, बिना यौन संबंध बनाए भी मां बन सकेंगी मादाएं

बाईबल में यीशु मसीह के कुवांरी मां (Virgin Birth) से जन्म लेने की कथा कही गई है। बहुत से लोगों को इस बात पर संदेह हो सकता है लेकिन अब वैज्ञानिकों ने भी ऐसी संभावनाओं को स्वीकार कर लिया है। हाल ही करंट बायोलॉजी जर्नल में पब्लिश हुए एक शोध के अनुसार प्रकृति जीवन को […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Aug 10, 2023 13:32
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Image Credit: Wikipedia

बाईबल में यीशु मसीह के कुवांरी मां (Virgin Birth) से जन्म लेने की कथा कही गई है। बहुत से लोगों को इस बात पर संदेह हो सकता है लेकिन अब वैज्ञानिकों ने भी ऐसी संभावनाओं को स्वीकार कर लिया है। हाल ही करंट बायोलॉजी जर्नल में पब्लिश हुए एक शोध के अनुसार प्रकृति जीवन को बचाने के लिए कुंवारी जन्म (Virgin Birth) को अपना सकती है। यही नहीं, यह क्षमता आगे आने वाली पीढ़ियों में भी ट्रांसफर हो जाती है और आगे भी बिना नर से संबंध बनाए मादा अकेली ही बच्चों को जन्म दे सकती है।

Virgin Birth से जन्म लेने वाली संतानें भी मादा ही होती हैं

वैज्ञानिकों के अनुसार वर्जिन बर्थ से जन्मी संतानें अपनी मां की सटीक क्लोन नहीं होती हैं, लेकिन आनुवंशिक रूप से काफी हद तक समान होती हैं, और हमेशा ही मादा होती हैं। शोध में शामिल कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता डॉ. एलेक्सिस स्पर्लिंग ने कहा कि हम यह दिखाने वाले पहले व्यक्ति हैं कि आप किसी जानवर में वर्जिन बर्थ के लिए जिम्मेदार जीन को एक्टिवेट कर सकते है। उन्होंने कहा कि यह देखना बहुत रोमांचक था कि एक कुंवारी मक्खी वयस्क होने के लिए विकसित होने में सक्षम भ्रूण पैदा करती है और फिर पूरे प्रोसेस को एक बार फिर से दोहराया जा सकता है।

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उन्होंने आगे कहा कि हमारी आनुवंशिक रूप से हेरफेर की गई मक्खियों में, मादा मक्खियां अपने आधे जीवन (यानि लगभग 40 दिनों) तक एक नर को खोजने का इंतजार करती रहीं, लेकिन फिर उन्होंने हार मान लीं और वर्जिन बर्थ के लिए खुद को तैयार किया। शोध में पाया गया कि वर्जिन बर्थ की क्षमता रखने वाली मादा मक्खियों की दूसरी पीढ़ी में से केवल 1 से 2 फीसदी ने ही संतान पैदा की, और यह भी तब हुआ जब उनके आसपास कोई नर मक्खियाँ नहीं थीं।

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हालांकि जब मादा मक्खियों को नर मक्खियों के समीप ले जाया गया तो मादाएं सामान्य तरीके से संभोग करती थीं और प्रजनन करती थीं। ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि वर्जिन बर्थ पर स्विच करना जीवों के लिए जीवित रहने की एक प्रकृति प्रदत्त रणनीति हो सकती है। वर्जिन बर्थ के जरिए एक पीढ़ी प्रजातियों को पृथ्वी पर अपना अस्तित्व बनाए रखने में मदद कर सकती है।

शोध के लिए रिसर्चर्स ने फल मक्खी की एक प्रजाति (ड्रोसोफिला मर्केटोरम) के दो अलग प्रजातियों के जीन्स पर काम करना शुरू किया। इनमें से एक प्रजाति को प्रजनन के लिए नर की आवश्यकता होती है, जबकि दूसरी प्रजाति केवल बिना नर के साथ संभोग किए वर्जिन बर्थ के माध्यम से प्रजनन करती है। उन्होंने उन जीनों की पहचान की जिनके कारण मक्खियां की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है।

वैज्ञानिकों ने ड्रोसोफिला मर्कटोरम में पहचानी गई वर्जिन बर्थ कैपेसिटी वाली मक्खियों के जीन को फल मक्खी (ड्रोसोफिला मेलानोगास्टर) से संबंधित जीन में बदल दिया। इसने ट्रिक ने काम किया और ड्रोसोफिला मेलानोगास्टर मक्खी ने अचानक ही वर्जिन बर्थ की क्षमता हासिल कर ली। इस शोध में करीब 220,000 से अधिक कुंवारी फल मक्खियाँ को शामिल किया गया था और इसे पूरा होने में छह वर्षों का समय लगा।

चिड़ियाघर में भी सामने आए हैं ऐसे कई मामले

डॉ. एलेक्सिस स्पर्लिंग के अनुसार कुछ अंडे देने वाले जानवरों की मादाएं – जिनमें पक्षी, छिपकली और सांप शामिल हैं, नर के बिना स्वाभाविक रूप से बच्चे को जन्म दे सकती हैं। लेकिन आम तौर पर यौन प्रजनन करने वाले जानवरों में वर्जिन बर्थ एक बहुत ही दुर्लभ घटना है। हालांकि ऐसा कई बार चिड़ियाघर के जानवों में देखा जा चुका है। आंकड़ों के अनुसार ऐसा तब होता है जब मादा लंबे समय तक अलग-थलग रहती है और उसे नर साथी मिलने की बहुत कम उम्मीद होती है।

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Edited By

Sunil Sharma

First published on: Aug 10, 2023 01:23 PM

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