What Color to Wear on Mahashivratri 2024: भोलेनाथ बड़े ही दयालु हैं और हर मनोकामना को पूरी करने के लिए अपने भक्तों के बीच जाने जाते हैं। सिर्फ एक जल लोटे से भी शिव जी अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं और सभी इच्छा को पूरा करते हैं। शिव भक्तों के बीच महाशिवरात्रि की खास महत्व होता है और इस मौके पर हर कोई शिव जी को मनाने के लिए तरह-तरह के उपाय और विधि-विधान से पूजा-अर्चना करता है।
शिवलिंग पर शिव भक्त शुभ मुहूर्त देखकर जल अर्पित करते हैं, तो उन्हें क्या चढ़ाना चाहिए और क्या नहीं, इस बात का भी खास ध्यान रखते हैं। हालांकि, क्या कभी इस बात पर गौर किया है कि शिवलिंग की पूजा करते समय किस रंग के कपड़े पहनने चाहिए? किस तरह के कपड़ों को पहनकर शिव जी की पूजा की जाती है? अगर नहीं, तो आइए आपको इस बात की जानकारी देते हैं कि शिवलिंग पर किस रंग और किस तरह के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए?
किस तरह के कपड़ों को पहनकर पूजा करनी चाहिए?
महाशिवरात्रि पर आप किस तरह के कपड़े पहनते हैं? अगर आप कुछ भी पहन लेते हैं तो धार्मिक मान्यता के अनुसार ऐसा करना गलत है। हिन्दू धर्म के मुताबिक पूजा करते समय पुरुषों को धोती-कुर्ता और महिलाओं को साड़ी पहननी चाहिए। शिवलिंग की पूजा करने जा रहे हैं तो महाशिवरात्रि पर महिलाएं साड़ी और पुरुष धोती धारण करें। ध्यान रहे कि साड़ी और धोती कुर्ता अगर सूती का हो तो अच्छा रहेगा। कुंवारी लड़कियां सूट भी धारण कर सकती हैं।
महाशिवरात्रि पर किस रंग के कपड़े पहनने चाहिए?
महाशिवरात्रि को आप किस रंग के कपड़े पहनने वाले हैं? अगर अभी तक रंग पर ध्यान ही नहीं दिया है, तो इसके बारे में जरूर जान लीजिए। दरअसल, शिव को हरा रंग बहुत पसंद होता है तो आप महाशिवरात्रि पर हरे रंग के कपड़े पहन सकते हैं। हालांकि, सिर्फ हरा रंग ही नहीं महाशिवरात्रि पर अन्य भी रंग हैं जिन्हें पहनकर पूजा-अर्चना की जा सकती है। लाल, पीला, गुलाबी, सफेद और और संतरी रंग के कपड़े आप पूजा में पहन सकते हैं।
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महाशिवरात्रि पर किस रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए?
शास्त्रों में पूजा के दौरान काले रंग के कपड़ों को पहनना साफ मना किया गया है। इसके अलावा नीले रंग के कपड़े पहनने की भी मनाही है। कहा जाता है कि ऐसे कपड़ों से नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और इन कपड़ों को अशुभ भी माना गया है।
महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
8 मार्च 2024 को महाशिवरात्रि का पर्व है और निशिता काल में शिव जी की पूजा करना शुभ होता है। मान्यता है कि शिव जी की पूजा चार प्रहर में होती है। पहला पहर सुबह 6 बजकर 25 मिनट से लेकर रात में 9:28 बजे तक है। दूसरा पहर रात में 9 बजकर 28 मिनट से देर रात 12 बजकर 31 मिनट तक है। तीसरा पहर मध्य रात्रि में लगभग 12 बजे से लेकर 3 बजे तक रहता है। जबकि, चौथा पहर ब्रह्म मुहूर्त में सुबह लगभग 3 बजे से सुबह 6 बजे के बीच रहता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।