Vinayaka Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी का व्रत हर महीने की शुक्ल पक्ष चतुर्थी को रखा जाता है. नवंबर महीने में मार्गशीर्ष माह की विनायक चतुर्थी का व्रत 24 नवंबर को है. विनायक चतुर्थी भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना के लिए खास होता है. यह व्रत करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है और जीवन में सफलता मिलती है. चलिए आपको विनायक चतुर्थी के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में बताते हैं.
विनायक चतुर्थी 24 नवंबर शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह में 05:03 से 05:57
प्रातः सन्ध्या- सुबह में 05:30 से 06:51
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:47 से दोपहर 12:29
विजय मुहूर्त- दोपहर में 01:53 से 02:36
गोधूलि मुहूर्त- शाम में 05:22 से 05:49
सायाह्न सन्ध्या- शाम में 05:25 से 06:45
अमृत काल- दोपहर 04:39 से शाम 06:22
भगवान गणेश जी पूजा विधि
- विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश जी की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर साफ कपड़े पहन लें.
- पूजा स्थान कीी सफाई करें और लकड़ी के पाटे पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें.
- उत्तर दिशा में मुख करके पूजा करें. भगवान गणेश जी को चंदन, रोली, अक्षत, दूर्वा, पुष्प अर्पित करें.
- पूजा के बाद गणेश जी की आरती करें और मोदक और लड्डू का भोग लगाएं. पूजा के बाद भोग को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें.
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गणेश जी पूजा मंत्र
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा
श्री गणेशाय नम:
ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः
विनायक चतुर्थी का महत्व
भगवान गणेश जी का जन्म चतुर्थी तिथि को हुआ था. विनायक चतुर्थी का पर्व गणेश जी के जन्मोत्वस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन का खास महत्व होता है. गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
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