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Religion

पवित्र जगह पर जाने से पहले जानें ये 3 बड़े नियम, नहीं तो होगा भारी नुकसान!

कई बार हम सभी मंदिर, गुरुद्वारा या अन्य पवित्र स्थलों से होकर आते हैं और अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिनका भुगतान हमें अपने जीवन में आगे चलकर करना पड़ता है। ये गलतियां हमारे जीवन में परेशानियों और बाधाओं का कारण बन सकती हैं।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Apr 29, 2025 15:52

Vastu Tips: मंदिर, गुरुद्वारा या कोई भी पवित्र स्थान केवल ईश्वर की पूजा का स्थान नहीं होते बल्कि ये ऊर्जा शांति और श्रद्धा के केंद्र होते हैं। जब हम इन स्थानों पर जाते हैं, तो न सिर्फ ईश्वर के दर्शन करते हैं बल्कि अपनी आत्मा को भी शुद्ध करते हैं। लेकिन कई बार जाने-अनजाने में हम ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो हमारे पुण्य को कम कर सकती हैं और श्रद्धा का अपमान भी बन सकती हैं। वास्तव में पवित्र स्थानों पर जाने के कुछ नियम और मर्यादाएं होती हैं जिनका पालन करना हर श्रद्धालु का कर्तव्य होता है। यदि इन नियमों की अनदेखी की जाए या कुछ विशेष गलतियां दोहराई जाएं तो यह हमारी आध्यात्मिक ऊर्जा को प्रभावित कर सकती हैं और हमारे कर्मों पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं। तो आइए जानते हैं वे 3 आम गलतियां जो अक्सर लोग पवित्र स्थलों से लौटते समय कर बैठते हैं।

पवित्र स्थान से लौटकर पैर धोना

वास्तु शास्त्र के अनुसार, जब भी आप मंदिर, गुरुद्वारे या किसी भी पवित्र स्थान से लौटें तो घर आते ही तुरंत पैर धोने की गलती न करें। ऐसा माना जाता है कि इन स्थलों की ऊर्जा अत्यंत पवित्र होती है और यह सकारात्मक ऊर्जा आपके शरीर, विशेष रूप से पैरों पर बनी रहती है। अगर आप तुरंत पैर धो लेते हैं तो वह ऊर्जा धुल जाती है और आपको मिलने वाला आध्यात्मिक लाभ कम हो जाता है। इसके साथ ही घर आने के बाद आपको घर के हर कोने में जाना चाहिए, ताकि उस पवित्र ऊर्जा का प्रभाव पूरे घर में फैले।

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पवित्र स्थान से लौटते समय रास्ते में न रुकें

वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि पवित्र स्थान से लौटते समय आपको सीधे अपने घर या कार्यस्थल ही जाना चाहिए रास्ते में कहीं और जैसे बाजार, दोस्त का घर या किसी अन्य जगह रुकना नहीं चाहिए। पवित्र स्थान से प्राप्त होने वाली सकारात्मक ऊर्जा को सीधे अपने घर या ऑफिस तक पहुंचाना बहुत शुभ माना जाता है बीच में अन्य स्थानों पर रुकने से यह ऊर्जा बिखर जाती है और उसका प्रभाव कम हो सकता है।

खाली लोटा या ग्लास न लाएं

वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि आप मंदिर या गुरुद्वारे से जल, चरणामृत या प्रसाद किसी पात्र (जैसे लोटा या ग्लास) में लेकर आते हैं तो उसे खाली हाथ वापस न लाएं। शास्त्रों के अनुसार, खाली बर्तन नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और यह घर में दरिद्रता का कारण बन सकता है। इसलिए इस पात्र में कुछ न कुछ जरूर होना चाहिए चाहे वह जल हो फूल हो या तिलक के लिए थोड़ा सा चंदन। यह एक छोटा सा उपाय आपके घर में सकारात्मकता और समृद्धि बनाए रखने में सहायक हो सकता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है

 

 

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First published on: Apr 29, 2025 03:52 PM

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