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Surya Arghya Rules: सूर्य को अर्घ्य देने के बाद जरूर करें ये एक काम, ग्रह दोष होंगे खत्म, धन-दौलत में होगी बढ़ोतरी

Surya Arghya Rules: हिन्दू धर्म में उगते सूर्य को अर्घ्य देना ऊर्जा, स्वास्थ्य और ग्रह संतुलन का शुभ उपाय माना गया है. यह मन को शक्ति देता है और जीवन में सकारात्मकता लाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं, अर्घ्य देने के बाद किया जाने वाला एक सरल काम आपकी किस्मत को बदल सकता है? जानिए क्या है यह रहस्य?

Author Written By: Shyamnandan Updated: Dec 10, 2025 20:26
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Surya Arghya Rules: हिंदू परंपरा में सूर्य को न केवल एक प्रत्यक्ष देवता बल्कि ऊर्जा, प्रकाश और जीवन का स्रोत माना गया है. सुबह उगते सूर्य को जल अर्पित करना हजारों सालों से किया जाने वाला शुभ और सकारात्मक कर्म है. मान्यता है यह न केवल आध्यात्मिक लाभ देता है, बल्कि मन और शरीर को भी शक्ति प्रदान करता है. आइए जानते हैं कि सूर्य अर्घ्य क्यों दिया जाता है और अर्घ्य देने के बाद कौन-सा एक काम जरूर करना चाहिए?

क्यों दिया जाता है सूर्य को अर्घ्य?

मान्यता है कि सुबह की पहली किरणों में खास प्रकार की उर्जा होती है. यह उर्जा शरीर और मन को संतुलित करती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इससे ग्रह दोष शांत होते हैं और कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है. ज्योतिषाचार्य हर्षवर्धन शांडिल्य बताते हैं कि नियमित सूर्य अर्घ्य से उत्साह, आत्मविश्वास और कार्यशक्ति में वृद्धि होती है.

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कैसे दें सही तरीके से अर्घ्य?

सूर्य अर्घ्य देने के लिए तांबे का लोटा श्रेष्ठ माना गया है, क्योंकि तांबा धातु में सूर्य का वास माना जाता है. पानी में लाल फूल, हल्का-सा कुमकुम या रोली और थोड़े चावल मिलाकर सूर्य की ओर मुख करके धीरे-धीरे जल अर्पित किया जाता है. जल की धारा आंखों से बस थोड़ी ऊपर और पतली होनी चाहिए, ताकि सूर्य की किरणें उस जल से होकर चेहरे और शरीर पर पड़ें.

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सबसे जरूरी काम जो अक्सर लोग भूल जाते हैं!

बहुत से लोग अक्सर अर्घ्य देने के बाद तुरंत मुड़कर चले जाते हैं, जबकि ऐसा करना सही नहीं माना जाता है. जहां अर्घ्य का जल धरती पर गिरता है, वहां झुककर हाथ से थोड़ा-सा पानी स्पर्श करें. फिर उसे हल्के से अपने माथे और गर्दन पर लगा लें. यह क्रिया बहुत सरल है, लेकिन इसका प्रभाव गहरा माना जाता है.

शरीर में ऊर्जा का संचार

कहा जाता है कि जब सूर्य की किरणों से युक्त जल शरीर से स्पर्श होता है, तो उसका सकारात्मक कंपन भीतर प्रवेश करता है. इससे मन शांत होता है, तनाव कम होता है और शरीर हल्का महसूस करता है. यह आत्मिक शुद्धिकरण की प्रक्रिया मानी जाती है.

सुख और समृद्धि की वृद्धि

जो लोग प्रतिदिन इस विधि का पालन करते हैं, वे बताते हैं कि इससे घर-परिवार में खुशहाली बढ़ती है. सूर्य देव को प्रकाश और सफलता का कारक माना जाता है. इसलिए अर्घ्य के बाद पवित्र जल को छूना और शरीर पर लगाना सौभाग्य को बढ़ाने वाला माना जाता है.

एक छोटा-सा नियम, बड़े फायदे!

सिर्फ कुछ ही मिनटों की यह दिनचर्या आपके दिन को ऊर्जावान बना सकती है. यह मानसिक शांति, आध्यात्मिक संतुलन और सकारात्मक सोच को मजबूत करती है. यदि आप सुबह की शुरुआत को और भी शुभ बनाना चाहते हैं, तो सूर्य अर्घ्य की इस छोटी लेकिन प्रभावी विधि को अपने जीवन में जरूर शामिल करें.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Dec 10, 2025 08:09 PM

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