जब बम गिरते हैं तो जमीन कांपती है लेकिन भारत की सीमा पर एक जगह ऐसी भी है जहां दुश्मन देश पाकिस्तान के हजारों बम गिरे लेकिन फटे नहीं। राजस्थान के जैसलमेर में स्थित तनोट माता का मंदिर आज भी नापाक पाकिस्तान के गिराए बमों के न फटने की कहानी सुनाता है। इस मंदिर को ‘वॉर गॉडेस्स’ यानी युद्ध वाली देवी के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर मां आवड़ की पूजा होती है, जो देवी हिंगलाज का ही अवतार हैं। चलिए जानते हैं तनोट माता मंदिर से जुड़ी रोचक बातों के बारे में।
पाकिस्तान ने दागे कई बम
माना जाता है कि 1965 में पाकिस्तान ने तनोट माता मंदिर को खत्म करने के लिए हजारों बम गिराए थे। कुछ सीधे मंदिर के ऊपर गिरे लेकिन एक भी बम फटा नहीं। 1965 के बाद फिर 1971 में पाकिस्तान ने लोंगेवाला पोस्ट पर हमला किया। लेकिन मां के आशीर्वाद से दुश्मन हमारा कुछ भी बिगाड़ नहीं पाए। यहीं नहीं हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी दुश्मन ने फिर से तनोट माता मंदिर को टारगेट बनाया और ड्रोन से अटैक किया लेकिन इस बार भी मंदिर को कुछ नहीं हुआ।
#जैसलमेर के ऐतिहासिक श्री मातेश्वरी तनोट राय मंदिर का अद्भुत इतिहास है। ऐसी मान्यता है कि तनोट माँ जवानों को दुश्मनों से लड़ने की शक्ति देती हैं और युद्ध में देश की रक्षा करती हैं।#तनोट_माता pic.twitter.com/jxS7jGW8ET
---विज्ञापन---— Culture Of Rajasthan 💙 (@RajsthanCulture) May 10, 2025
ड्रोन से भी किया था अटैक
मंदिर के पुजारी का कहना है कि ‘मां तनोट ने हमेशा अपने भक्तों की रक्षा की है। पाकिस्तान के बम हों या किसी की भी बुरी नजर, कोई भी यहां मां की सीमा नहीं लांघ सकता। 1965 और 1971 की जंग के बाद हमने अब ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी माता का यह चमत्कार फिर से देख लिया। दरअसल, पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मंदिर और माता पर कई ड्रोन दागे थे लेकिन सब हवा में ही उड़ा दिए गए।’
मंदिर परिसर में मौजूद हैं बम
इसी के आगे पुजारी ने कहा, ‘मंदिर के आंगन में आज भी 1965 और 1971 के बम रखे हैं जिनमें विस्फोट नहीं हुआ था। जवान जब भी सरहद पर जाते हैं तो यहीं सिर झुकाते हैं। ये बम तनोट माता के चमत्कार की गवाही हैं।’ बता दें कि यहां रोजाना सुबह और शाम बीएसएफ के जवान आरती करते हैं। मंदिर में पुजारी की नियुक्ति भी बीएसएफ द्वारा ही की जाती है। हालांकि भारतीय सेना के अलावा माता के चमत्कार से पाकिस्तान के सेना अधिकारी भी इस तरह प्रभावित हैं कि उन्होंने कई साल पहले चांदी का एक छत्र माता को चढ़ाया था।
ये भी पढ़ें- Love Rashifal: बुध की कृपा से 3 राशियों को मिलेगा साथी का साथ, मन-मुटाव भी होंगे कम