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Shardiya Navratri 2025 4th Day: नवरात्रि के चौथे दिन इस विधि से करें देवी कुष्मांडा की पूजा; जानें शुभ मुहूर्त, मंत्र, भोग और आरती

Shardiya Navratri 2025 4th Day: साल 2025 में 26 सितंबर को शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन है यानी इस दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप देवी कुष्मांडा की पूजा की जाएगी. चलिए जानते हैं शुक्रवार को देवी कुष्मांडा की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है. साथ ही आपको देवी कुष्मांडा के स्वरूप, पूजा विधि, मंत्र, भोग और आरती आदि के बारे में पता चलेगा.

Author Written By: Nidhi Jain Author Published By : Nidhi Jain Updated: Sep 25, 2025 13:46
Shardiya Navratri 2025 4th Day
Credit- News 24 Gfx

Shardiya Navratri 2025 4th Day: मां दुर्गा को समर्पित शारदीय नवरात्रि का पर्व कुल 9 दिनों तक चलता है. हालांकि, इस बार तृतीया तिथि के दो दिन तक होने के कारण 9 की जगह 10 दिन तक नवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा. साल 2025 में 22 सितंबर से आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि का आरंभ हो गया है. इस बार 22 सितंबर को पहली नवरात्रि थी, जिसके बाद 23 सितंबर को दूसरी नवरात्रि की पूजा की गई. वहीं, 24 सितंबर और 25 सितंबर को नवरात्रि की तृतीया तिथि थी. इसलिए इन दोनों दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप देवी चंद्रघंटा की पूजा की गई. अब 26 सितंबर 2025 को नवरात्री के चौथे दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप देवी कुष्मांडा की पूजा की जाएगी.

सृष्टि की रचना के लिए मां दुर्गा ने देवी कुष्मांडा के रूप में जन्म लिया था. देवी कुष्मांडा बहुत शक्तिशाली हैं, उनके पास सूर्य के अन्दर निवास करने की भी शक्ति एवं क्षमता है. मान्यता है कि जो लोग सच्चे मन से देवी कुष्मांडा की पूजा करते हैं, उन्हें विभिन्न सिद्धियों और निधि की प्राप्ति होती है. आइए अब जानते हैं देवी कूष्मांडा के स्वरूप, मंत्र, भोग और आरती आदि के बारे में.

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मां कूष्मांडा का स्वरूप

देवी कूष्माण्डा की कुल आठ भुजाएं हैं, जिसकी वजह से उन्हें अष्टभुजा देवी के नाम से भी जाना जाता है. मां के दाहिने हाथों में कमण्डलु, धनुष, बाण और कमल है, जबकि बाएं हाथों में अमृत कलश, जप माला, गदा और चक्र सुशोभित हैं. वहीं, माता की सवारी सिंह है.

देवी कुष्मांडा की पूजा का शुभ मुहूर्त (Mata Kushmanda Puja Muhurat)

देवी कुष्मांडा की प्रिय चीजें

  • भोग- कद्दू (सफेद)
  • फूल- लाल रंग के फूल
  • रंग- पीला
  • मिठाई- मालपुआ

देवी कुष्मांडा के मंत्र (Mata Kushmanda Mantra)

देवी कुष्मांडा की आरती  (Mata Kushmanda Devi Ki Aarti Lyrics in Hindi)

देवी कुष्मांडा की पूजा विधि (Mata Kushmanda Puja Vidhi)

  • सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करके शुद्ध पीले रंग के कपड़े धारण करें.
  • पूजा स्थल की अच्छे से साफ-सफाई करें.
  • मां दुर्गा की मूर्ति के पास देवी कुष्मांडा की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें.
  • हाथ में जल, अक्षत या फूल लेकर व्रत का संकल्प लें.
  • माता रानी को फल, फूल, मिठाई, वस्त्र और अक्षत अर्पित करें.
  • दीप, धूप और देसी घी का दीपक जलाएं.
  • मां कुष्मांडा के मंत्रों का जाप करें.
  • व्रत की कथा सुनें या पढ़ें.
  • आरती करके पूजा का समापन करें.

ये भी पढ़ें- Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि में राशि अनुसार करें ये उपाय, जगतजननी पूरी करेंगी हर इच्छा

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Sep 25, 2025 01:46 PM

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