---विज्ञापन---

Religion

क्या श्रावण शिवरात्रि के दिन रखा जाता है सावन का आखिरी व्रत? जानें नियम

Sawan 2024: भगवान शंकर के भक्तों के लिए सावन माह और श्रावण मास में आने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दौरान व्रत रखने और देवी-देवताओं की आराधना करने से साधक की हर इच्छा पूर्ण होती है। चलिए जानते हैं मासिक शिवरात्रि और सावन के महत्व के बारे में।

Author Edited By : Nidhi Jain Updated: Aug 2, 2024 10:27
Sawan-2024

Sawan 2024: भगवान शिव को समर्पित श्रावण का पावन महीना चल रहा है, जिसे सावन मास भी कहा जाता है। इस दौरान व्रत रखने और देवी-देवताओं की आराधना करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही घर-परिवार में सुख-शांति का वास होता है, जिससे घरवालों के बीच प्रेम बना रहता है। सावन के पावन महीने में भगवान शिव और देवी पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इसलिए इस दौरान जो साधक भोलेबाबा के साथ देवी पार्वती की उपासना करता है, उनके वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है।

वैसे तो सावन का हर एक दिन बेहद खास होता है, लेकिन श्रावण मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। ऐसे में कई लोग मान लेते हैं कि श्रावण शिवरात्रि के दिन ही सावन का आखिरी व्रत रखा जाता है। वहीं कुछ लोग सावन के समापन के दिन श्रावण का आखिरी व्रत रखते हैं। आज हम आपकी इसी कन्फ्यूजन को दूर करेंगे कि क्या श्रावण शिवरात्रि के दिन सावन का आखिरी व्रत रखा जाता है या नहीं।

---विज्ञापन---

क्या शिवरात्रि के दिन होता है सावन का समापन?

धार्मिक मान्यता के अनुसार, श्रावण शिवरात्रि के दिन सावन का आखिरी व्रत नहीं रखा जाता है। सावन के पवित्र मास के दौरान शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। वैदिक पंचांग के मुताबिक, इस साल सावन महीने का आरंभ 22 जुलाई से हो गया है, जिसका समापन अगले महीने 19 अगस्त को होगा। मासिक शिवरात्रि का व्रत 2 अगस्त 2024 को रखा जाएगा। मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखना अतिशुभ होता है। इसके अलावा इस दिन जो व्यक्ति सच्चे मन से भगवान शिव और देवी की आराधना करने के बाद शिवलिंग का विधिपूर्वक अभिषेक करता है, उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और उसके ऊपर देवी-देवताओं का आशीर्वाद बना रहता है।

ये भी पढ़ें- Sawan 2024: सावन शिवरात्रि पर इस मंदिर में उमड़ती है भक्तों की भीड़, दर्शन मात्र से मिलता है रोगों से छुटकारा!

---विज्ञापन---

शिव पूजा और जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त 

वैदिक पंचांग के अनुसार, 02 अगस्त को शिव जी की पूजा का ब्रह्म मुहूर्त प्रात: काल 04:31 से लेकर सुबह 05:15 मिनट तक है। ब्रह्म मुहूर्त के अलावा विजय मुहूर्त में भी भोले बाबा की पूजा करना शुभ होता है। 02 अगस्त को महादेव की पूजा का विजय मुहूर्त दोपहर 02:45 से लेकर दोपहर 03:37 मिनट तक है। मान्यता है कि शिवरात्रि के दिन यदि कोई व्यक्ति शिवलिंग का अभिषेक करता है, तो उसे भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 02 अगस्त को शिवलिंग पर जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त दोपहर 03:26 से लेकर अगले दिन 03 अगस्त को सुबह 05:44 मिनट तक है।

सावन के 3 महाउपाय

  • यदि आप पैसों की कमी का सामना कर रहे हैं, तो ऐसे में सावन के दौरान शिव जी के मंदिर जाएं। वहां जाकर भगवान शंकर की आराधना करें और शिवलिंग का जलाभिषेक करें। इसके बाद शंकर जी को एक पान का पत्ता, मिठाई और एक तांबे का सिक्का अर्पित करें। इस उपाय से आपको महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होगी और आर्थिक स्थिति भी मजबूत होने लगेगी।
  • सावन के दौरान भगवान महादेव को केला, बेल पत्र, धतूरा और मिश्री अर्पित करना शुभ होता है। इस उपाय से आपके पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में खुशियों का वास हो सकता है।
  • शिवलिंग का दही और मिश्री के घोल से अभिषेक करना अतिशुभ होता है। इस उपाय से आपको तुरंत कर्ज से छुटकारा मिल सकता है।

ये भी पढ़ें- Sawan 2024: 18 साल बाद श्रावण शिवरात्रि पर 3 राशियों का भाग्योदय! आज अद्भुत संयोग में होगा जलाभिषेक

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यता पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। 

First published on: Aug 02, 2024 10:27 AM

संबंधित खबरें