Parenting Tips By Sadhguru: बच्चों को सही परवरिश देना प्रत्येक माता-पिता का कर्तव्य होता है। लेकिन कई बार लाख कोशिश के बाद भी बच्चों में कुछ ऐसे अवगुण आ जाते हैं, जिनके कारण उन्हें तो परेशानी होती ही है। इसी के साथ उनके माता-पिता को भी विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कभी न कभी आपने सुना होगा कि जब बच्चे करियर में सेटल हो जाते हैं, तो वो अपने माता-पिता को छोड़कर चले जाते हैं। मुश्किल से साल में एक या दो बार माता-पिता को फोन करके उनसे बात करते हैं। ऐसी परिस्थिति आपके साथ न आए यानी आपके बच्चे आपको धोखा न दें। इसके लिए जरूरी है कि आप उन्हें सही परवरिश दें।
आज हम आपको सद्गुरु द्वारा बताई गई पांच ऐसी मुख्य बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको अपने बच्चों को करीब से जानने में मदद करेंगी। इसी के साथ आपका और उनका रिश्ता गहरा होगा। वो आपको भविष्य में धोखा देंगे, इसकी संभावना भी बेहद कम हो जाएगी। चलिए जानते हैं Ideal Parents की खूबियों के बारे में।
बच्चों को प्रॉपर्टी न समझें
सद्गुरु का मानना है कि माता-पिता को अपने बच्चों को कभी भी अपनी प्रॉपर्टी नहीं समझना चाहिए। उन पर बात-बात पर हक जमाने से अच्छा है कि आप उनसे बात करें। यदि वो गलती करते हैं, तो उन्हें समझने और समझाने का प्रयास करें।
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बच्चों को निवेश न समझें
माता-पिता को बच्चों को अपने भविष्य का निवेश नहीं समझना चाहिए। उनके साथ जीवन के हर एक सुख और दुख को बांटने का प्रयास करना चाहिए। छोटी से छोटी खुशियों का उनके साथ आनंद लेना चाहिए। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा समय उनके साथ बिताएं। अपने अच्छे गुण उन्हें सीखाने का प्रयास करें और अपने बच्चों का रोल मॉडल बनने का प्रयास करें।
राय न थोपें
यदि आपको अपने बच्चों के साथ अपना रिश्ता मजबूत करना है, तो इसके लिए उन्हें समझने का प्रयास करें। उनके दोस्त बनें। अपने बच्चे और खुद के बीच समय का अंतर न आने दें। हर फैसले में उनका सपोर्ट करें। लेकिन कभी भी उन पर अपनी राय न थोपें। वो जो भी बनना चाहते हैं उसमें उनका सपोर्ट करें।
खुद का उदाहरण न दें
आमतौर पर माता-पिता अपने बच्चों को खुद का उदाहरण देते हैं। जब मैं तुम्हारी उम्र में था, तो मैं ये करता था। मैंने इतनी कम उम्र में ये सब हासिल किया था… आदि-आदि। सद्गुरु का कहना है कि आपने अपने जीवन में जो कुछ भी किया है, उसके बारे में बच्चों को बताएं। लेकिन वैसा करने के लिए उनके ऊपर दबाव न बनाएं। बच्चों को उनका बचपन जीन दें। वो जो चाहते हैं, उन्हें वो करने दें।
खुशी का माहौल बनाने का प्रयास करें
सद्गुरु का कहना है कि बच्चे यदि कोई गलती करते हैं, तो उन्हें समझाएं। कठिन परिस्थिति में उन्हें डांटने की जगह समझाने का प्रयास करें। उनका साथ दें। इससे बच्चे आपसे अपनी भावनाओं को कहने में डरेंगे नहीं, बल्कि खुलकर आपके सामने अपनी बातें रखेंगे। इसके लिए घर में खुशी और सकारात्मकता का माहौल बनाने का प्रयास करें। डर और हिचक के माहौल में वो खुश नहीं रहेंगे।
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