Hindu Dharma: हिंदू धर्म में पेड़-पौधों को केवल पर्यावरण का हिस्सा नहीं, बल्कि ईश्वरीय ऊर्जा के स्रोत माना गया है। प्राचीन शास्त्रों और लोकमान्यताओं के अनुसार, कई वृक्षों में देवी-देवताओं का वास होता है। इनकी पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। आइए जानते हैं किन पेड़ों का क्या महत्व है और किसकी पूजा से क्या फल प्राप्त होता है?
बरगद का पेड़
बरगद के पेड़ को “वटवृक्ष” भी कहा जाता है और इसे अजर-अमरता का प्रतीक माना गया है। भगवान शिव का वास इस पेड़ में माना गया है। हर त्रयोदशी को इसकी पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मान्यता है कि इस वृक्ष की पूजा से आयु में वृद्धि, संतान सुख और कठिन कार्यों में सफलता मिलती है।
पीपल का पेड़
पीपल को हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र और ईश्वरतुल्य माना गया है। यह पेड़ केवल एक वृक्ष नहीं, बल्कि तीनों देवताओं, ब्रह्मा, विष्णु और शिव का प्रतीक है। इसकी पूजा, सेवा और संरक्षण को पुण्यकारी, पाप नाशक और मोक्षदायक माना गया है।
बेल का पेड़
बेल पत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इसलिए बेल के पेड़ की पूजा विशेष रूप से श्रावण मास में की जाती है। इसकी तीन पत्तियों वाला पत्र त्रिदेवों, ब्रह्मा, विष्णु, महेश का प्रतीक है। कहते हैं, इसे शिव जी को अर्पित करने से मानसिक शांति और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।
कदंब का पेड़
कदंब वृक्ष को लक्ष्मी जी का प्रिय माना गया है। यह भगवान कृष्ण का भी प्रिय वृक्ष है। शरद पूर्णिमा और धनतेरस जैसे पर्वों पर इसकी पूजा शुभ मानी जाती है। कदंब के पेड़ के नीचे हवन या ध्यान करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इस वृक्ष की विशेष पूजा से धन-धान्य में वृद्धि और घर में समृद्धि का लाभ होता है।
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केला का पेड़
केले के पेड़ में भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति का वास माना गया है। इस पेड़ का विशेष तौर पर गुरुवार को पीली चीजों से पूजन कर जल अर्पित किया जाता है। कई स्थानों पर विवाह जैसे मांगलिक कार्यों में केले के पेड़ को मंडप का हिस्सा भी बनाया जाता है। इसकी पूजा से वैवाहिक सुख बढ़ता और विद्या में वृद्धि होती है।
तुलसी का पौधा
यह हिन्दू धर्म का सबसे सबसे पवित्र पौधा है और इसको देवी का रूप माना गया है। इसे भगवान विष्णु की प्रिय माना जाता है। प्रतिदिन शाम को दीप जलाकर पूजा करना विशेष फलदायक होता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, स्वास्थ्य लाभ के सा मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
आंवला का पेड़
आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है, लेकिन इसके विभिन्न हिस्सों में अनेक देवी-देवता बसते हैं। एकादशी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से विष्णु और लक्ष्मी जी दोनों की कृपा मिलती है। इस पेड़ की पूजा से रोगों से मुक्ति, आध्यात्मिक शुद्धि और सौभाग्य में वृद्धि का विशेष लाभ मिलता है।
शमी का पेड़
शमी वृक्ष को शनि देव का प्रिय माना गया है। शनिवार को इसके नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि दोष दूर होता है। आपको बताया दें कि महाभारत में अर्जुन ने शमी वृक्ष के नीचे अपने अस्त्र-शस्त्र छिपाए थे। इसकी पूजा से कर्ज से मुक्ति, नौकरी-व्यापार में स्थिरता और ग्रह दोषों से राहत मिलती है।
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