Rebirth Of Pandavas: युद्ध के अंतिम दिन रात को अश्वत्थामा पांचों पांडवों को मारने के लिए उनके शिविर में गया। ऐसा माना जाता है कि शिविर के अंदर जाने से पहले अश्वत्थामा ने भगवान शिव से आज्ञा ली थी। शिव जी से आज्ञा लेने के बाद उसने पांडवों की जगह उनके पुत्रों का वध कर दिया था। लेकिन आइए जानते हैं अश्वत्थामा ने जब हत्या जैसा अधर्म किया तो फिर पांडवों को शिव जी ने कलयुग में जन्म लेने का श्राप क्यों दिया?
भविष्य पुराण की कथा
भविष्य पुराण में वर्णित कथा के अनुसार महाभारत युद्ध के अठाहरवें दिन जब दुर्योधन भीम के हाथों परास्त होने के बाद मृत्यु का इंतजार कर रहा था तो अश्वत्थामा उससे मिलने आया। दुर्योधन की स्थिति देख वह क्रोधित हो उठा और रात के समय पांडवों के शिविर जा पहुंचा। शिविर में अंदर जाने से पहले उसने भगवान शिव की प्रार्थना की। अश्वत्थामा की प्रार्थना से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे एक दिव्य तलवार दी। ऐसा माना जाता है कि अश्वत्थामा ने उसी तलवार से पांडव पुत्रों का वध किया था।
शिव जी के साथ पांडवों का युद्ध
उधर पांडवों को जब पुत्र वध का समाचार मिला तो वे उस शिविर में पहुंचे जहां अश्वत्थामा ने उन सभी का वध किया था। फिर पांडवों ने जब जाना कि अश्वत्थामा ने ये अधर्म शिवजी की आज्ञा से किया है तो पांचों भाई शिव जी युद्ध करने चल पड़े। पांचों पांडव जब भगवान शिव के पास पहुंचे तो उन्होंने शिवजी को युद्ध के लिए ललकारा। पांडवों की ललकार सुनकर भगवान शिव अपने असली रूप में आ गए। फिर पांडवों ने जैसे ही भगवान शिव पर वार करना चाहा,उनके सभी अस्त्र-शस्त्र शिवजी के अंदर समा गए। यह देख पांडवों को बड़ा आश्चर्य हुआ। तब भगवान शिव बोले तुम पांचों भाइयों ने जो मुझसे युद्ध करने का अपराध किया है उसका दंड तुम सभी को अगले जन्म में भुगतना पड़ेगा। इस जन्म में तुम सभी श्री कृष्ण के उपासक हो इसलिए मैं तुमलोगों को कोई दंड नहीं दे रहा हूं। तुम सब कलयुग में जन्म लोगे और उसी जन्म में इस अपराध का दंड भोगोगे।
पांडवों का जन्म
भगवान शिव के ऐसा कहने के बाद पांचों पांडव श्री कृष्ण के पास आये और भगवन शिव ने जो कहा था उसके बारे में बताया। तब भगवान श्री कृष्ण ने कहा देवाधिदेव महादेव ने अगर ऐसा कहा है तो तुम सभी भाइयों को अवश्य ही कलयुग में जन्म लेना पड़ेगा। भविष्य पुराण में बताया गया है कि शिव जी के शाप के कारण ज्येष्ठ पांडव यानी युधिष्ठिर ने कलयुग में वत्सराज नाम के राजा के पुत्र रूप में जन्म लिया था। इस जन्म में युधिष्ठिर का नाम मलखान था। वहीं अर्जुन का जन्म परिलोक नाम के राजा के घर हुआ था। इस जन्म में अर्जुन का नाम ब्रह्मानंद था। जबकि भीम ने वीरन नाम से वानरस राज्य में जन्म लिया। नकुल का जन्म कान्यकुब्ज के राजा के रूप में हुआ और इस जन्म में उनका नाम लक्षण था। जबकि सहदेव कलयुग में भीमसिंह नाम के राजा के घर जन्में थे। साथ ही आपको ये भी बता दूं कलयुग में दानवीर कर्ण ने जन्म लिया था। कलयुग में कर्ण का जन्म तारक नाम के राजा के रूप में हुआ था।
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