Ramadan 2025: रमजान के पाक महीने की शुरुआत बीते 2 मार्च से हो चुकी है। यह बेहद ही पाक महीना माना जाता है। इस पूरे महीने लोग रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान साल का नौवां महीना होता है। इस्लामिक कैलेंडर के दसवें महीने शव्वाल का चांद दिखाई देते ही इस महीने की पहली तारीख पर खुदा का शुक्रिया अदा करते हुए ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है।
रमजान के इस पवित्र महीने में अच्छे कार्य करने से कई गुना अधिक सवाब मिलता है। इस महीने में लोग एक दिन में 5 बार की नमाज अदा करते हैं। रमजान में नमाज के साथ ही तरावीह की नमाज पढ़ना सुन्नत होता है। इसका मतलब ‘आराम और विश्राम’ होता है। यह नमाज ईशा की नमाज के बाद और वित्र की नमाज से पहले पढ़ी जाती है। इस कारण तरावीह पढ़ना बेहद आवश्यक होता है।
क्यों जरूरी है तरावीह?
तरावीह रात के समय पढ़ी जाने वाली एक विशेष इबादत है, इसे इस्लाम में बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है। इसे सुन्नत-ए-मुअक्कदा माना गया है। तरावीह के दौरान मस्जिदों में पूरी कुरआन शरीफ सुनाई जाती है। हाफिज-ए-कुरआन रमजान के महीने में तरावीह के दौरान कुरआन को याद करते और सुनाते हैं, जिससे यह इबादत और भी खास बन जाती है।
तरावीह पढ़ने के पीछे है ये खास वजह
रमजान में तरावीह पढ़ने का सबसे बड़ा कारण यह है कि यह अल्लाह की विशेष इबादत का हिस्सा है। यह नमाज इस महीने को और ज्यादा बरकत वाला बनाती है। हदीस में बताया गया है कि जो शख्स ईमान और सच्चे दिल से तरावीह पढ़ता है, उसके पिछले सारे गुनाह माफ कर दिए जाते हैं। यह नमाज सिर्फ अल्लाह की इबादत का जरिया ही नहीं, बल्कि दिली सुकून और तसल्ली का भी माध्यम है। यह अल्लाह के करीब जाने और उसकी रहमत पाने का बेहतरीन तरीका है।
कई गुना बढ़ जाता है इबादत का सवाब
रमजान की रातों में की गई इबादत का सवाब आम दिनों की तुलना में कई गुना बढ़ा दिया जाता है। खासकर शब-ए-कद्र की रात, जो रमजान की आखिरी दस रातों में आती है, उसमें इबादत करने का सवाब हजार महीनों की इबादत के बराबर बताया गया है।
तरावीह रमजान का एक अहम हिस्सा है, जो आत्मिक शुद्धि, अल्लाह की रहमत और गुनाहों की माफी के लिए बहुत जरूरी मानी जाती है। यह सिर्फ एक नमाज नहीं, बल्कि एक ऐसी इबादत है, जो इंसान को कुरआन के करीब लाती है और उसे अल्लाह की रहमतों से मालामाल कर देती है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
यह भी पढ़ें- Holi 2025: नए घर में होली न मनाएं पहला त्योहार, टूट सकता है दुखों का पहाड़!