क्या आप अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना कर रहे हैं और आपको समझ नहीं आ रहा कि इन समस्याओं का कारण क्या है? तो हो सकता है कि आपकी जन्म कुंडली में पितृ दोष या कालसर्प दोष हो। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ये दोनों दोष व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं। जिससे व्यक्ति की उन्नति में बाधा आने लगती है। तो आइए जानतें है इस एक उपाए के बारें में जिससे आपकी जीवन की परेशानियां कम हो सकती है।
पितृ दोष और कालसर्प दोष क्या है?
पितृ दोष
पितृ दोष तब होता है जब हमारे पूर्वजों की आत्मा असंतुष्ट रहती है। इसके साथ ही यह तब होता है जब उनके लिए आवश्यक कर्म जैसे—
-
तर्पण
---विज्ञापन--- -
श्राद्ध
-
पिंडदान
-
सेवा या स्मरण पूर्ण रूप से नहीं किए जाते।
यह दोष जीवन में बाधाएं, रिश्तों में दरार, संतान संबंधी समस्याएं, और मानसिक तनाव का कारण बनता है।
कालसर्प दोष
कालसर्प दोष तब बनता है जब जन्म कुंडली के सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं। यह दोष आपके जीवन में:
-
निरंतर संघर्ष
-
भय
-
बार-बार असफलता
-
आर्थिक नुकसान
-
मानसिक बेचैनी जैसी परेशानियां लेकर आता है।
पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय
यदि आपको लग रहा है कि आपकी समस्याएं लगातार बनी हुई हैं और कोई स्पष्ट कारण नहीं मिल रहा है तो नीचे दिए गए उपायों को आजमा सकते हैं।
View this post on Instagram
गंगा तट पर शाम का विशेष उपाय
- शाम के समय गंगा तट पर जाएं, जहां शांति और सकारात्मक वातावरण हो।
- एक मिट्टी या पत्ते का दीया जलाएं और उसमें घी डालकर गंगा में प्रवाहित करें।
- एक फूलों से भरा दोना लें और उसे भी गंगा में प्रवाहित करें।
- फिर आंखें बंद कर अपने पितरों का ध्यान करें और हाथ जोड़कर उनसे क्षमा मांगे।
- यह उपाय प्रतिदिन शाम के समय करें
सच्ची श्रद्धा और सत्कर्म ही समाधान है
ध्यान रहे ये उपाय तभी फल देते हैं जब आपके अंदर सच्ची श्रद्धा, संयम और भक्ति होती है। इसके साथ ही आप अपने पितरों और भगवान के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना रखते है।
ये भी पढ़ें-सास जैसी महिलाओं से क्यों हो जाता है प्यार, कुंडली में कौन से ग्रह और योग होते हैं जिम्मेदार?
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।