Neem Karoli Baba: आधुनिक भारत में नीम करोली बाबा एक ऐसे संत थे, जिनकी शिक्षाएं लाखों लोगों के जीवन को प्रेरित करती हैं। उनकी सादगी, करुणा और ईश्वरीय प्रेम ने उन्हें लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान दिलाया। वे भगवान हनुमान के अवतार माने गए हैं। बाबा सभी के कल्याण की कामना करते थे। उनकी शिक्षाओं का मूल मंत्र यही था ‘सर्वे भवंतु सुखिनः’ यानी सभी सुखी रहें। उन्होंने बताया है कि 3 तरह के लोग चाहकर भी कभी खुशहाल नहीं रह पाते हैं। चलिए जानते हैं कि बाबा ने किस 3 प्रकार के ऐसे लोगों की बात की है?
जल्द संकटों में घिर जाते हैं ये लोग
नीम करोली बाबा ने अपना पूरा जीवन महान सादगी में बिताया लेकिन उनके चमत्कार बड़े दिव्य थे। यही कारण है कि नीम करोली बाबा का नाम 20वीं सदी के सबसे महान संतों में गिना जाता है। वे कहते थे कि जो लोग बाहरी दिखावे में पैसा बर्बाद करते हैं, वो कभी अमीर नहीं बन पाते हैं और वे जल्द ही संकटों में घिर जाते हैं। बाबा कहते थे कि फिजूलखर्ची से बचें। पैसा बचाना जरूरी है। बुरे वक्त में पैसा काम आता है। दूसरों पर निर्भर रहने की बजाय खुद को आत्मनिर्भर बनाएं। फिजूलखर्ची आपको आर्थिक तंगी में डाल सकती है। इसलिए सोच-समझकर खर्च करें।
अनैतिक काम से बचें
‘कभी सोचा है कि कुछ घरों में बरकत क्यों नहीं होती है’ – बाबा अक्सर लोगों को इस बात पर विचार करने के लिए कहते थे? फिर वे इसका उत्तर देते थे कि दरअसल, गलत काम करने वालों के घरों में मां लक्ष्मी का वास नहीं होता। जो लोग कमजोरों को सताते हैं, महिलाओं का अपमान करते हैं, या क्रोध करते हैं, वे देवी लक्ष्मी के कोप का शिकार होते हैं। ऐसे लोग कभी खुशहाल नहीं रहते हैं। याद रखें, मां लक्ष्मी को दयालु और न्यायप्रिय लोग ही प्रिय होते हैं।
सेवा भाव का अभाव
नीम करोली बाबा ने एक और बेहद अहम बात कही थी कि जीवन और स्वभाव में सेवा भाव का अभाव बरकत नहीं होने देती है। उन्होंने कहा कि सिर्फ पैसा कमाना ही काफी नहीं है। हमें अपनी कमाई का एक हिस्सा जरूर समाज सेवा या दान में देना चाहिए। ऐसा करने से न केवल समाज का भला होता है, बल्कि हमारी आत्मा को भी शांति मिलती है। जो लोग सिर्फ अपने सुख के लिए जीते हैं, वे कभी सच्ची खुशी नहीं पा सकते हैं।
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