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Religion

Nag Panchami 2025: आज नाग पंचमी पर इस मुहूर्त में करें महादेव-नागों की पूजा, जानें विधि, मंत्र, आरती और कथा

Nag Panchami Vrat: आज 29 जुलाई 2025, वार मंगलवार को सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है, जिस दिन नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। नाग पंचमी के दिन देवों के देव महादेव और नागों की पूजा की जाती है, जिनकी कृपा से व्यक्ति को भय, नकारात्मक ऊर्जा और कालसर्प दोष ​से मुक्ति मिलती है। चलिए अब जानते हैं नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, मंत्र, कथा और आरती आदि के बारे में।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Nidhi Jain Jul 29, 2025 05:00
Nag Panchami 2025
Credit- Social Media

Nag Panchami 2025: सनातन धर्म में नागों की पूजा का खास महत्व है, जिनके देवता देवों के देव महादेव हैं। दरअसल, भगवान शिव को नाग अति प्रिय हैं। इसलिए वो उन्हें गले में धारण करते हैं। वैसे तो कभी भी नागों की पूजा की जा सकती है लेकिन नाग पंचमी के दिन नागों का दिखना और उनकी पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग हर साल नाग पंचमी पर नागों की पूजा करते हैं, उन्हें जीवन में कभी भी कालसर्प दोष का सामना नहीं करना पड़ता है। उन पर भगवान शिव सदा मेहरबान रहते हैं।

द्रिक पंचांग के अनुसार, हर साल सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। साल 2025 में आज 29 जुलाई को नाग पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। कुछ लोग नाग पंचमी पर व्रत भी रखते हैं। चलिए अब जानते हैं नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने का शुभ मुहूर्त, विधि, मंत्र और आरती के बारे में।

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नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त

नाग पंचमी की पूजा विधि

  • नाग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठें।
  • स्नान आदि कार्य करने के बाद हल्के रंग के कपड़े धारण करें।
  • हाथ में जल, अक्षत या फूल लेकर व्रत का संकल्प लें।
  • शिव मंदिर जाएं और वहां जाकर नाग-नागिन के जोड़े की पूजा करें।
  • नाग-नागिन के जोड़ा का दूध और जल से अभिषेक करें। साथ ही फल, फूल, गुलाल, चावल, दूध और नारियल चढ़ाएं।
  • शुद्ध देसी घी का एक दीपक जलाएं।
  • नाग देवता की आरती करें।

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नाग पंचमी की आरती

नाग पंचमी की कथा

नाग पंचमी के पर्व से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं, जिन सभी का अपना धार्मिक महत्व है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक गांव में धनवान व्यापारी रहता था, जिसके 7 बेटे थे। व्यापारी के सभी बेटों का विवाह हो चुका था। एक दिन व्यापारी की सभी बहुएं खेत से मिट्टी लेने के लिए गई। जैसे ही घर की सबसे बड़ी बहू ने मिट्टी खोदनी शुरू की तो जमीन से एक सांप निकल आया। सांप देखकर वो डर गई और उसने उसे घायल कर दिया। लेकिन छोटी बहू को दया आ गई और उसने सांप को उठाकर सुरक्षित स्थान पर रख दिया। ये देख सर्प खुश हुआ और उसने बहू को अपनी बहन मान लिया।

कुछ दिनों बाद वो ही सांप इंसान का रूप धारण करके व्यापारी के घर आया और कहा कि ‘मैं आपकी सबसे छोटी बहू का दूर का भाई हूं। कुछ दिनों के लिए मैं उसे अपने साथ लेकर जाना चाहता हूं’। घरवालों ने बिना संदेह किए अपनी बहू को उसके साथ भेज दिया।

सर्प ने अपनी बहन को आलीशान घर में रखा और उसकी हर इच्छा को पूरा किया। लेकिन कुछ ही दिनों में बहू का अपने घर जाने का मन हुआ। उसने ये बात सर्प को बताई। सर्प खुशी-खुशी अपनी बहन को उसके घर छोड़ आया। साथ ही उसे बहुत सारा धन और हार दिए। एक हार तो इतना सुंदर था कि उसकी प्रशंसा पूरे गांव में होने लगी। जब ये बात उस राज्य की रानी को पता चली तो उसने वो हार छोटी बहू से ले लिया।

सर्प को जब ये बात पता चली तो वो रानी के पास पहुंचा और उसे पूरी बात बताई। सर्प की बात सुन रानी भावुक हो गई और उसने बहू को पूरी बात बताते हुए हार लौटा दिया। सर्प के बारे में जान बहू और उसके परिवारवाले बहुत खुश हुए और नाग देवता की पूजा करने लगे। कहा जाता है कि इसी के बाद से नाग पंचमी का पर्व मनाया जाने लगा।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jul 29, 2025 05:00 AM

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