18 Ropeway Projects: देशभर के श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार 18 प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर रोपवे परियोजना की योजना बना रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 25 जनवरी 2025 को केंद्र सरकार ने पूरे भारत में 18 रोपवे परियोजनाओं के लिए डीपीआर यानी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए सलाहकारों को आमंत्रित किया था।
रोपवे से उन लोगों के लिए यात्रा करना आसान होगा, जिन्हें धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।
सबसे लंबा रोपवे कौन-सा है?
सूची में सबसे बड़ी परियोजना बालटाल से अमरनाथ मंदिर तक प्रस्तावित 11.6 किलोमीटर लंबा रोपवे है। वर्तमान में गुफा तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता बालटाल या पहलगाम से पैदल या हेलीकॉप्टर के जरिए है। सूची में दूसरी बड़ी परियोजना दक्षिण भारत के प्रमुख धार्मिक स्थल पथानामथिट्टा में सबरीमाला मंदिर तक 2.62 किलोमीटर लंबा रोपवे है।
आमेर किले को जयपुर के नाहरगढ़ किले से 6.45 किलोमीटर लंबे रोपवे से जोड़ने की योजना है। इसके अलावा मसूरी से केम्प्टी फॉल्स तक 3.21 किलोमीटर लंबा रोपवे भी सूची में शामिल है। तमिलनाडु में पार्वतमलाई मंदिर एक और प्रस्तावित रोपवे है, जिसकी लंबाई 3.21 किलोमीटर है। जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग से थजीवास ग्लेशियर तक 1.6 किलोमीटर लंबा रोपवे भी प्रस्तावित किया गया है, जिसका इस्तेमाल पीक टूरिस्ट सीजन के दौरान किए जाने की संभावना है। महाराष्ट्र का शिवनेरी किला और चिकमंगलूर का मुल्लायना गिरि भी रोपवे की सूची में है, जिनकी लंबाई 1.41 किलोमीटर और 2.38 किलोमीटर है।
अन्य प्रमुख मंदिर कौन-से हैं?
हिमाचल प्रदेश में चामुंडा देवी मंदिर, उत्तराखंड में कुंजापुरी मंदिर (ऋषिकेश से), आंध्र प्रदेश में ज्वाला नरसिम्हा स्वामी मंदिर और श्री बोएकोंडा गंगम्मा मंदिर, मध्य प्रदेश में सलकनपुर वाली माता मंदिर और असम में भुबन पाह महादेव मंदिर के लिए भी रोपवे प्रस्तावित किए गए हैं।
ये भी पढ़ें- Kaalchakra: किस दिन जन्मे लोग होते हैं भाग्यशाली? पंडित सुरेश पांडेय से जानें हर वार का महत्व