---विज्ञापन---

Chanakya Niti: जहां ये 4 चीजें न हों, वहां भूलकर भी न जाएं!

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जहां हम निवास करते हैं उस जगह का वातावरण भी हमारे आचरणों को प्रभावित करता है। इसलिए कहीं निवास करने से पहले इन पांच चीजों के बारे में अवश्य ही जान लेना चाहिए।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Sep 16, 2024 19:42
Share :
Chanakya Niti: जहां ये 5 चीजें न हों, वहां भूलकर भी न जाएं!

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य का मानना है कि किसी भी व्यक्ति की सफलता में जहां वह निवास करता है उसका काफी प्रभाव पड़ता है। स्थान भी तय करता है कि कोई व्यक्ति कितना सफल होगा। इसलिए चाणक्य कहते हैं कि कहीं भी नई जगह पर निवास करने से पहले यह जान लें कि कहीं ये स्थान आपकी सफलता में बाधा तो नहीं बनने वाला है। चाणक्य ने नीति शास्त्र में ऐसी 5 चीजों के बारे में बताया है जहां ये न हो, वहां निवास नहीं करना चाहिए।

1. चाणक्य कहते हैं कि जहां कोई बंधु-बांधव, रिश्तेदार नहीं रहते हों, जहां किसी प्रकार की विद्या और गुणों की प्राप्ति का साधन न हो, जहां आजीविका यानि धनोपार्जन का कोई स्रोत न हो और जिस जगह आदर-सम्मान न हो, ऐसी जगहों को तुरंत त्याग देना चाहिए। चाणक्य की मानें तो ऐसी जगह रहना न तो हमारे सामाजिक दृष्टिकोण से और न ही आर्थिक दृष्टिकोण से उचित है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसे जगहों पर रहने से मनुष्य का नैतिक पतन होता है और वह धन कमाने के लिए कोई भी गलत रास्ता अपना सकता है।

---विज्ञापन---

2. आचार्य चाणक्य की मानें तो जहां वेद को जानने वाला कोई ब्राह्मण न रहता हो, जहां धनिक व्यापारी न हो, जहां का राजा न्यायप्रिय न हो, जहां नदी स्वच्छ न हो और जहां कुशल वैद्य न हो, उस स्थान को भी तुरंत त्याग देना चाहिए। आचार्य चाणक्य ऐसा इसलिए कहते हैं कि समाज में धनवान व्यापारियों के रहने से व्यापार मे वृद्धि होती है और रोजगार का सृजन होता है तथा न्यायप्रिय राजा के रहने से देश में शासन स्थिर बना रहता है। जिस देश में वेद को जानने वाले ब्राह्मण रहते हैं वहां धर्म की रक्षा होती है और कुशल वैद्य के रहने से रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। जिस देश का नदी स्वच्छ रहता है वहां सिंचाई के लिए पानी की कमी नहीं होती और खेतों में लगा हुआ फसल भी बर्बाद नहीं होता। ऐसे देश में अन्न की  कमी कभी नहीं होती।

3, आचार्य चाणक्य अपने नीतिशास्त्र में कहते हैं कि जिस जगह जीवन निर्वाह के लिए कोई आजीविका का साधन न हो, जहां दंड मिलने का कोई भय न हो, जहां के व्यक्तियों में शिष्टता और उदारता न हो और जहां लोक-लाज का भय न हो ऐसी जगह भी मनुष्यों को नहीं रहना चाहिए।

---विज्ञापन---

4. चाणक्य कहते हैं कि जहां परोपकारी और दयालु लोग निवास न करते हों, उस स्थान को भी बिना सोचे-समझे त्याग देना चाहिए। ऐसी जगहों पर रहने से परोपकारी और दयालु मनुष्य भी क्रूर बन जाता है।

ये भी पढ़ें-Chanakya Niti: चाणक्य की 10 बातें, जो कभी भी आपको हारने नहीं देगी!

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

HISTORY

Edited By

News24 हिंदी

First published on: Sep 16, 2024 07:36 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें