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Karwa Chauth 2024: कैसे देखें करवा चौथ का चांद, चंद्र-दर्शन में न करें ये 3 गलतियां, कलंक लगने से होते हैं अनिष्ट!

Karwa Chauth 2024: सुहागिन स्त्रियों का एक बेहद महत्वपूर्ण करवा चौथ का व्रत रविवार 20 अक्टूबर, 2024 को यानी आज रखा जा रहा है। आइए जानते हैं, करवा चौथ का चांद कैसे देखना चाहिए और चंद्र-दर्शन में कौन-सी 3 गलतियां नहीं करनी चाहिए और कलंक लगने से क्या अनिष्ट होता है?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Oct 20, 2024 12:19
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Karwa Chauth 2024: हिन्दू धर्म में  सुहागिन महिलाओं का एक बेहद महत्वपूर्ण करवा चौथ का व्रत रविवार 20 अक्टूबर, 2024 को यानी आज रखा जा रहा है। यह व्रत सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय यानी चंद्रमा के उदय के बाद उनकी पूजा तक किया जाता है। करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। सनातन पंचांग में चतुर्थी तिथि को रिक्ता या खला भी कहा जाता है। प्रायः इस दिन कोई भी शुभ काम करने की मनाही होती है।

करवा चौथ का व्रत यह एक निर्जला व्रत है, जो चंद्रोदय के बाद अर्घ्य देकर ही खोला जाता है। मान्यता है कि यदि पत्नी यह व्रत न रख सके, तो पति भी यह व्रत रख सकते है। हिन्दू धर्म चौथ के चांद के दर्शन को प्रायः वर्जित माना गया है, क्योंकि इसके दर्शन से अपयश या कलंक लगता है। इसलिए कभी भी चतुर्थी के चांद को सीधी आंखों से नहीं देखा जाता है।

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इससे जीवन कई प्रकार के अनिष्ट होते हैं, जैसे दुर्घटना, धन हानि, बीमारी और रिश्तों में दरार आदि। यह करवा चौथ के चांद पर भी लागू होता है। आइए जानते हैं, चौथ के चांद को कैसे देखना चाहिए और इस दिन चंद्र दर्शन करने में किन गलतियों से बचना चाहिए?

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करवा चौथ का चांद देखने में न करें ये गलतियां

करवा चौथ का चांद सीधी आंखों से यानी डायरेक्ट न देखें। व्रत करने वाली महिलाओं को भूल से भी यह गलती नहीं करनी है। यदि चंद्र दर्शन करते है, तो खाली हाथ दर्शन न करें। कोई एक फल या उसका टुकड़ा लेकर ही दर्शन करें। चंद्र दर्शन के बाद चंद्रमा को अर्घ्य जरूर दें, दीप दिखाएं, फूल और मिठाई अर्पित करना न भूलें।

कैसे देखें करवा चौथ का चांद?

करवा चौथ का चांद देखने के कुछ खास नियम हैं, जो सदियों से चले आ रहे हैं। ये नियम धार्मिक मान्यताओं से जुड़े हैं और इनका पालन करने से व्रत का पूरा फल मिलता है।

  • चंद्रमा को देखने से पहले गणेश जी की पूजा करना बहुत जरूरी है। गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा गया है। उनकी पूजा करने से व्रत में आने वाली कोई भी बाधा दूर हो जाती है। पूजा के बाद आंखों को नीचे झुकाकर चांद का दर्शन करना चाहिए।
  • व्रत करने वाली महिलाएं छलनी से ही चौथ के चांद के दर्शन करती हैं। तो वहीं कुछ लोग एक थाली में पानी में चांद की परछाई को देखकर ही चंद्र दर्शन करते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Written By

Shyam Nandan

First published on: Oct 20, 2024 12:19 PM

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