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Religion

Kaalchakra: पेड़-पौधों की परिक्रमा से दूर होंगे कष्ट, पंडित सुरेश पांडेय से जानें महत्व, नियम और लाभ

Kaalchakra Today: देवी-देवताओं की पूजा करने के बाद उनकी परिक्रमा की जाती है। हालांकि, कुछ पेड़-पौधों की परिक्रमा करना भी शुभ होता है। चलिए प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं किन पेड़-पौधों की परिक्रमा करनी चाहिए।

Author By: Pandit Suresh Pandey Author Published By : Nidhi Jain Updated: Aug 25, 2025 10:31
Kaalchakra Today 25 August 2025
Credit- News24 Graphics

Kaalchakra Today 25 August 2025: कभी न कभी आपने लोगों को मंदिरों में देवी-देवताओं की प्रतिमा व पेड़-पोधों के चारों ओर चक्कर लगाते हुए देखा होगा। शास्त्रों में इसे परिक्रमा कहा जाता है। परिक्रमा का अर्थ प्रदक्षिणा के समान है, जिसे लगाना बेहद शुभ होता है। दरअसल, मंदिर को सकारात्मक और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। ऐसे में देवी-देवताओं के चारों ओर परिक्रमा लगाने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही मन कुछ रहता है। हालांकि, कुछ पेड़-पौधों की परिक्रमा लगाना भी शुभ होता है। इससे वहां की सकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति के शरीर व मन में प्रवेश करती है।

आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि किन-किन पेड़-पौधों की परिक्रमा लगाना शुभ होता है। साथ ही आपको परिक्रमा करने से जुड़े नियम और लाभ के बारे में पता चलेगा।

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पीपल का पेड़

पीपल की छाया में ऑक्सीजन की भरपूर मात्रा होती है, जिससे वातावरण से वात, पित्त और कफ का शमन होता है। इसलिए मंगल मुहूर्त में पीपल के पेड़ की तीन बार परिक्रमा करने और जल चढ़ाने से दरिद्रता दुख और दुर्भाग्य का विनाश होता है।

बरगद का पेड़

बरगद एक विशाल दीर्घजीवी वृक्ष है, जिसे त्रिमूर्ति और प्रकृति के सृजन का प्रतीक माना जाता है। बरगद की छाल में विष्णु, जड़ में ब्रह्मा और शाखाओं में शिव जी का वास होता है। बरगद के पेड़ की छाया सीधे मन पर प्रभाव डालती है। इसलिए बरगद की जड़ में जल देने और इसकी परिक्रमा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। मन और शरीर शुद्ध होता है। साथ ही सेहत अच्छी रहती है और मन प्रसन्न रहता है।

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तुलसी का पौधा

तुलसी का पौधा सुख, संपत्ति, धन, ज्ञान, विवेक और स्वास्थ्य का उत्तम खजाना है। तुलसी में औषधीय गुण होते हैं। तुलसी की परिक्रमा करने से मन शांत रहता है और इसके आसपास की सकारात्मक व दैवीय शक्ति प्राप्त होती है।

परिक्रमा करने से जुड़े नियम

  • नंगे पैर और गीले कपड़े पहनकर परिक्रमा लगाने से वातावरण में मौजूद सकारात्मक ऊर्जा ज्यादा से ज्यादा मात्रा में हमारे शरीर में प्रवेश कर पाती है।
  • प्रतिमा के दाएं हाथ से परिक्रमा करनी चाहिए।
  • परिक्रमा करते समय मन चंचल नहीं होना चाहिए, बल्कि मंत्र या नाम जाप करते रहना चाहिए।

यदि आप परिक्रमा करने से जुड़े अन्य नियमों के बारे में जानना चाहते हैं तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देख सकते हैं।

ये भी पढ़ें- Kaalchakra: शादी-कारोबार और सेहत से जुड़ी हर समस्या होगी दूर, पंडित सुरेश पांडेय से जानें गायत्री मंत्र से जुड़े उपाय

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Aug 25, 2025 10:31 AM

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