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Religion

Kaalchakra: कुंडली के किस भाव व लग्न में शनि के होने से बढ़ती हैं परेशानियां? पंडित सुरेश पांडेय से जानें

Kaalchakra Today 19 June 2025: शनि को कर्म और न्याय का देवता माना गया है, जिनकी चाल में जब भी बदलाव होता है तो उसका अच्छा-खासा प्रभाव लोगों के जीवन पर पड़ता है। चलिए पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं कि कुंडली के किस भाव व लग्न में शनि के होने से जीवन में परेशानियां व खुशियां बढ़ती हैं।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Nidhi Jain Updated: Jun 19, 2025 10:38
Kaalchakra Today
सांकेतिक फोटो, Credit- News24 Graphics

Kaalchakra Today 19 June 2025: शनि को नवग्रहों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है, जो क्रूर ग्रह भी हैं। एक तय समय के बाद शनि की चाल में बदलाव होता है जिसका गहरा प्रभाव एक या दो नहीं, बल्कि सभी 12 राशियों के ऊपर पड़ता है। राशियों के अलावा प्रकृति पर भी शनि का प्रभाव पड़ता है। हालांकि शनिदेव हर बार अशुभ फल ही प्रदान नहीं करते हैं। कई बार शनि की शुभ दृष्टि से भी जातकों को लाभ होता है। खासकर व्यक्ति को तब लाभ होता है, जब कुंडली में शुभ स्थिति में शुभ भाव में शनिदेव विराजमान होते हैं।

आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि जन्म कुंडली के किस भाव व लग्न में शनि के विराजमान होने से व्यक्ति के जीवन पर कैसा प्रभाव पड़ता है।

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कब अशुभ फल देता है शनि?

  • जिन लोगों की कुंडली के लग्न भाग में शनि विराजमान होते हैं, वो आलसी हो जाते हैं और उनके मन में लालच बढ़ता है।
  • जन्म कुंडली के लग्न भाग में बैठा शनि सातवें भाव को देखता है तो व्यक्ति बात-बात पर झूठ बोलने लगता है। अपनी इस आदत के कारण वो कई बार संकट में भी फंस जाता है।
  • जन्म कुंडली के पहले भाव में मौजूद शनि, तीसरे, 7वें और 10वें भाव को देखता है तो छोटे भाई-बहन से मतभेद होते हैं। व्यक्ति के साहस में कमी आती है और वो जोखिम भरे फैसले नहीं ले पाता है।
  • जिन लोगों की कुंडली के दूसरे भाव में विराजमान शनि 11वें भाव को प्रभावित करता है, उनके खर्चों में वृद्धि होती है और बचत में गिरावट आती है।
  • कुंडली के दूसरे भाव में मौजूद शनि की दृष्टि चौथे, 8वें या 11वें भाव पर पड़ती है तो व्यक्ति के सुख-सुविधाओं में कमी आती है। आए-दिन मां से जुड़े रिश्तों के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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कब शुभ फल देता है शनि?

जिन लोगों की कुंडली के लग्न भाव में शनि मजबूत स्थिति में होता है, वो अपनी मेहनत से सफलता हासिल करते हैं। साथ ही व्यक्ति अनुशासित प्रिय बनता है। वहीं जब लग्न भाव में बैठा शनि कुंडली के 10वें भाव को देखता है तो व्यक्ति ईमानदारी से अपना काम करता है, जिसमें उसे कामयाबी जरूर मिलती है।

अगर आप जानना चाहते हैं कि और किन-किन परिस्थितियों में शनिदेव का व्यक्ति के जीवन पर शुभ व अशुभ प्रभाव पड़ता है तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jun 19, 2025 10:38 AM

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