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Kaalchakra: ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से दूर होते हैं कष्ट, पंडित सुरेश पांडेय से जानें महत्व और लाभ

Kaalchakra Today: देश में भगवान शिव को समर्पित कुल 12 ज्योतिर्लिंग स्थित हैं, जिनका अपना इतिहास और धार्मिक महत्व है. आइए पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं देश में कहां-कहां 12 ज्योतिर्लिंग स्थित हैं. साथ ही आपको उनके दर्शन करने के महत्व के बारे में पता चलेगा.

Author Written By: Pandit Suresh Pandey Author Published By : Nidhi Jain Updated: Oct 13, 2025 11:22
Kaalchakra Today 13 October 2025
Credit- Social Media

Kaalchakra Today 13 October 2025: अधिकतर लोगों की इच्छा होती है कि जीवन में उन्हें एक बार सभी ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने का मौका मिले. देश में कुल 12 ज्योतिर्लिंग स्थित हैं, जो सभी भगवान शिव को समर्पित हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्राचीन काल में शिव जी ने जिन 12 स्थान पर स्वयं प्रकट होकर भक्तों को दर्शन दिए थे, उन जगहों पर ज्योतिर्लिंग की स्थापना की गई है. माना जाता है कि ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से जीवन के बड़े से बड़े संकट से मुक्ति पाई जा सकती है.

आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और उनके दर्शन करने के महत्व व लाभ के बारे में बताने जा रहे हैं.

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12 ज्योतिर्लिंग के नाम

  • वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
  • भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
  • ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (अमलेश्वर ज्योतिर्लिंग)
  • मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
  • सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
  • महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
  • विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
  • नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
  • घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग
  • रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग
  • केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
  • त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

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ज्योतिर्लिंग दर्शन का महत्व

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  • वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग- झारखंड में वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग स्थित है, जिसके दर्शन मात्र से भयानक से भयानक बीमारियों से आराम मिल सकता है. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के शीर्ष पर पंचशूल स्थित है. पंचशूल शरीर के पांच विकार- काम, क्रोध, मद, लोभ और मोह का नाश करता है. इसके अलावा इस ज्योतिर्लिंग पर कांवड़ का जल चढ़ाने का भी खास महत्व है.
  • नागेश्वर ज्योतिर्लिंग- गुजरात के सौराष्ट्र तट पर नागेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है. कुंडली में अगर राहु-केतु ग्रह का दोष है या राहु-केतु की दशा चल रही है, तो व्यक्ति को नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की उपासना जरूर करनी चाहिए. इसके अलावा यहां चांदी के नाग-नागिन बनवाकर चढ़ाने से भी बहुत लाभ मिलता है. वहीं, जिन लोगों को नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने का मौका नहीं मिल रहा है वो घर पर ही ‘ॐ विष्वेश्वराय विध्महे नागभूषणाय धीमहि तन्नो नागेशः प्रचोदयात्’ मंत्र का जाप कर सकते हैं. इससे लाभ जरूर होगा.
  • महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग- मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है. ये एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है, जिसे तंत्र साधना के लिए उत्तम माना जाता है. इसके अलावा अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति पाने के लिए भी इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने शुभ रहते हैं. वहीं, जिन लोगों को महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने का मौका नहीं मिल रहा है, वो घर पर ही ‘ऊँ कालांहिकापुत्राय विद्महे स्मशानवासिने धीमहि तन्नो महाकाल प्रदोदयात्’ मंत्र का नियमित रूप से जाप कर सकते हैं. इससे ज्योतिर्लिंग के समान ही फल प्राप्त होगा.

यदि आप अन्य 9 ज्योतिर्लिंग दर्शन करने के महत्व और लाभ के बारे में जानना चाहते हैं तो उसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देख सकते हैं.

ये भी पढ़ें- Kaalchakra: 31 अक्टूबर तक कैसा रहेगा 12 राशियों का कामकाज? पंडित सुरेश पांडेय से जानें मासिक राशिफल

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Oct 13, 2025 11:22 AM

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