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Religion

भाग्य हो जाएगा आपका गुलाम, जगन्नाथ रथ यात्रा में कर लें ये 5 काम

Jagannath Rath Yatra 2025: हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है। ये ओडिशा के पुरी में सबसे बड़ी रथ यात्रा होती है। वहीं, अब देश में अन्य भी जगन्नाथ मंदिरों में इस यात्रा का आयोजन किया जाता है। माना जाता है कि इस यात्रा के समय कुछ उपाय कर लेने से स्वयं भगवाान जगन्नाथ उस भक्त की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Jun 24, 2025 20:33
Jagannath Rath Yatra 2025
जगन्नाथ रथ यात्रा Credit- pexels

Jagannath Rath Yatra 2025: हर साल ओडिशा के पुरी में आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रा में रथ पर भगवान जगन्नाथ के साथ ही उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा भी होती हैं। साल 2025 में यह यात्रा 27 जून को शुरू होगी। यह धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण अवसर है। अब यह यात्रा देशभर के जगन्नाथ मंदिरों में निकाली जाती है। माना जाता है कि इस यात्रा के दौरान कुछ आसान से उपायों को करने से भक्त के सभी पाप नष्ट हो सकते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आ सकती है।

यह रथ यात्रा भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है। इस दौरान भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ तीन भव्य रथों नंदीघोष, तालध्वज और दर्पदलन पर सवार होकर पुरी के श्रीमंदिर से गुंडिचा मंदिर तक जाते हैं। मान्यता है कि इस यात्रा में शामिल होने और कुछ विशेष उपाय करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और भाग्य के दरवाजे खुलते हैं। आइए जानते हैं कि रथ यात्रा के समय किन उपायों को किया जा सकता है।

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रथ खींचने में करें श्रमदान

रथ यात्रा का सबसे प्रभावी उपाय है कि इसमें आप भगवान जगन्नाथ, बलभद्र या सुभद्रा जी के रथ को खींचने में श्रम दान कर सकते हैं। मोटी रस्सियों से रथ खींचने का यह कार्य हर भक्त कर सकता है, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या देश का हो। धार्मिक मान्यता है कि रथ खींचने से पिछले जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और भाग्य में वृद्धि होती है। यह कार्य भगवान की सेवा का सबसे शक्तिशाली रूप है। अगर आप पुरी न भी जा पाएं तो जिस भी जगह भगवान जगन्नाथ जी की यात्रा निकले तो इस उपाय को अवश्य करें। इससे धन, यश और सुख में वृद्धि होती है।

निर्माल्य को घर लाएं और पूजा करें

रथ यात्रा के दौरान भगवान को चढ़ाया गया सूखा चावल, जिसे निर्माल्य कहते हैं, बहुत पवित्र माना जाता है। इसे लाल कपड़े की पोटली में भक्तों को दिया जाता है। इस निर्माल्य को घर के पूजाघर में रखें और रोज सुबह उसकी पूजा करें। मान्यता है कि इससे मां अन्नपूर्णा की कृपा बनी रहती है, घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है और भाग्य का हमेशा साथ मिलता है। इसे संभालकर रखें और किसी बाहरी की नजरों से बचाकर रखें।

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बेंत का करें स्पर्श

रथ यात्रा के दौरान बेंत (छड़ी) का विशेष महत्व है। मंदिर के सेवक इस बेंत को भक्तों को स्पर्श कराते हैं, जिसे छूने से पापों का नाश होता है। अगर संभव हो, तो इस बेंत को घर लाएं और पूजाघर में रखें। इससे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और आर्थिक तंगी दूर रहती है। यह उपाय भाग्य को चमकाने और घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने में मदद करता है।

करें दान

रथ यात्रा के दौरान दान का विशेष महत्व है। आप ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, फल या धन का दान करें। इस दिन चावल, दाल, तेल या मिठाई का दान बहुत शुभ माना जाता है। इसके अलावा, रथ यात्रा के आयोजन में सहयोग करें। आप रथ यात्रा में शामिल भक्तों के लिए पानी, छांव या प्रसाद का इंतजाम कर सकते हैं। यह उपाय न केवल भाग्य को अनुकूल बनाता है, बल्कि भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद भी दिलाता है।

भगवान का प्रसाद करें ग्रहण

रथ यात्रा में भगवान को विभिन्न प्रकार के भोग जैसे खिचड़ी, मिठाई और फल अर्पित किए जाते हैं। इस प्रसाद को श्रद्धा के साथ ग्रहण करें। मान्यता है कि भगवान का प्रसाद खाने से जीवन में सुख-शांति आती है और नकारात्मकता दूर होती है। अगर आप पुरी नहीं जा पा रहे, तो घर पर भगवान जगन्नाथ को खीर या फल का भोग लगाएं और परिवार के साथ बांटकर खाएं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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First published on: Jun 24, 2025 07:15 PM

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