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Religion

भगवान शिव को ऐसे कभी न चढ़ाएं जल, प्रसन्न की जगह हो जाएंगे नाराज

Lord Shiva Puja: हिंदू धर्म में भगवान शिव को शिवलिंग स्वरूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव को जल अर्पित करने से वे तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं। हालांकि शिवपुराण में भगवान शिव पर जल अर्पित करने के लिए कुछ नियम बताए हैं। मान्यता है कि इन नियमों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। आइए जानते हैं कि भोलेनाथ को जल अर्पित करते समय क्या नहीं करना चाहिए?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Jun 21, 2025 19:17
Lord shiva puja
भोलेनाथ का कैसे करें जलाभिषेक?

Lord Shiva Puja: हिंदू धर्म में भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा जाता है। वे काफी भोले हैं, इस कारण उन्हें भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता हैं। भगवान शिव अपने भक्तों की भक्ति से शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। शिव पुराण और अन्य शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव की पूजा में जलाभिषेक का विशेष महत्व है। जल चढ़ाने से शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है, और भक्तों के कष्ट दूर होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जल चढ़ाने के कुछ नियम हैं, जिनका पालन न करने पर भगवान शिव प्रसन्न होने की बजाय नाराज हो सकते हैं? आइए, शास्त्रों के आधार पर जानते हैं कि भगवान शिव को जल चढ़ाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किन गलतियों से बचना चाहिए?

क्या है जलाभिषेक का महत्व?

शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव पर जल अर्पित करने से वे अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं। समुद्र मंथन के दौरान जब हलाहल विष निकला तो भगवान शिव ने उसे अपने कंठ में धारण कर लिया, जिससे उनका शरीर तपने लगा। उस समय देवताओं ने शिवजी के ताप को शांत करने के लिए उन पर जल चढ़ाया। उसी दिन से जलाभिषेक की परंपरा शुरू हुई। जल चढ़ाने से भगवान शिव का ताप शांत होता है, और वे प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। यह जल शुद्ध और नियमों के अनुसार चढ़ाया जाना चाहिए।

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भगवान शिव को जल चढ़ाने के नियम

शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव को केवल शुद्ध और स्वच्छ जल चढ़ाना चाहिए। गंगा जल को सबसे पवित्र माना जाता है, क्योंकि यह भगवान शिव की जटा से निकलता है। यदि गंगा जल उपलब्ध न हो, तो साफ और ताजा जल का उपयोग करें। बासी, गंदा, या प्रदूषित जल से अभिषेक कभी न करें। ऐसा करने से भगवान शिव नाराज हो सकते हैं, और पूजा का फल नहीं मिलता।

तांबे या पीतल के लोटे का उपयोग करें

जल चढ़ाने के लिए हमेशा तांबे या पीतल के लोटे का इस्तेमाल करें। शास्त्रों में इन धातुओं को पवित्र और शुभ माना गया है। लोहे, प्लास्टिक, या स्टील के बर्तन का उपयोग न करें, क्योंकि ये अशुद्ध माने जाते हैं। इसके साथ ही, लोटे को अच्छी तरह साफ करके ही पूजा में शामिल करें।

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सही समय पर जल चढ़ाएं

शिवजी की पूजा के लिए प्रातःकाल और प्रदोष काल (सूर्यास्त के समय) को सबसे उत्तम माना जाता है। सावन मास और महाशिवरात्रि के दौरान जलाभिषेक का विशेष महत्व है। हालांकि रात के समय, विशेषकर मध्यरात्रि के बाद, बिना विशेष अनुष्ठान के जल न चढ़ाएं। शास्त्रों में इसे अशुभ माना गया है।

शिवलिंग पर जल की धारा बनाएं

जल चढ़ाते समय एक पतली धारा से जल डालें, ताकि शिवलिंग पर लगातार जल गिरता रहे। जल को एक साथ उड़ेलना या छींटे मारना अशुभ माना जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार जल की धारा से शिवजी को शीतलता प्रदान होती है, जिससे वे प्रसन्न होते हैं।

इन वस्तुओं के साथ न अर्पित करें जल

शिवजी को कभी भी तुलसी के पत्तों के साथ जल नहीं चढ़ाना चाहिए। विष्णु पुराण के अनुसार, तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय है, और शिवजी की पूजा में इसका उपयोग वर्जित है। इसके अलावा, हल्दी, कुमकुम मिलाकर भी जल अर्पित नहीं करना चाहिए। इसके साथ हीी शंख से भी जल नहीं अर्पित करें। शंख का उपयोग भगवान विष्णु की पूजा में होता है और शिवजी ने शंखचूड़ दानव का वध किया था इसलिए शंख से जल चढ़ाना अशुभ माना जाता है।

भगवान शिव को नाराज करती हैं ये गलतियां

शिव पुराण के अऩुसार बिना शुद्ध मन और श्रद्धा के की गई पूजा स्वीकार नहीं होती है। यदि आप क्रोध, ईर्ष्या, या नकारात्मक भावनाओं के साथ भोलेनाथ को जल अर्पित करते हैं, तो यह प्रभु स्वीकार नहीं करते हैं। पूजा से पहले स्नान करें, मन को शांत करें और भक्ति भाव से पूजा करें।

गलत तरीके से शिवलिंग को स्पर्श करना

शिवलिंग को केवल नहाने के बाद और शुद्ध वस्त्र पहनकर ही स्पर्श करें। महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान शिवलिंग को स्पर्श करने से बचना चाहिए। इसके साथ ही, शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद उसे साफ कपड़े से पोंछना न भूलें।

जल्दबाजी में न चढ़ाएं जल

पूजा में जल्दबाजी करना भगवान शिव को अप्रसन्न करता है। जल चढ़ाते समय मंत्रों जैसे ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करें। धीरे-धीरे और भक्ति भाव से जल चढ़ाएं। जल्दबाजी में की गई पूजा का कोई फल नहीं मिलता है।

गलत दिशा में जल चढ़ाना

शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय ध्यान रखें कि जल की धारा उत्तर दिशा की ओर बहनी चाहिए। दक्षिण दिशा में जल बहना अशुभ माना जाता है। इसके लिए जलपात्र को सही दिशा में रखें और शिवलिंग की संरचना का भी ध्यान रखें।

भगवान शिव को प्रसन्न करने के उपाय

  • जल के साथ प्रभु को बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, और चंदन अर्पित करें। ये सभी चीजें शिवजी को अति प्रिय हैं। इसके साथ ही सावन माह में प्रतिदिन भोलेनाथ का जलाभिषेक करें।
  • शिवजी की पूजा के बाद जरूरतमंदों को दान दें, क्योंकि शिवजी भक्तों के साथ-साथ दीन-दुखियों के भी रक्षक हैं।
  • रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके लिए किसी विद्वान पंडित को ही चुनें।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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First published on: Jun 21, 2025 07:17 PM

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