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Religion

Chaitra Navratri 2025: इस बार कितने दिनों की है नवरात्रि, 8 या 9 दिन? जानें सही डेट और कलश स्थापना का मुहूर्त

साल 2025 की चैत्र नवरात्रि की शुरुआत दो शक्तिशाली योगों, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग से संयोग से हो रही है। आइए जानते हैं, इस बार नवरात्रि 9 दिन की है या 8 दिन की, इसका सही डेट और कलश स्थापना का मुहूर्त क्या है?

Author Edited By : Shyam Nandan Updated: Mar 22, 2025 17:52

साल 2025 की चैत्र नवरात्रि न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी खास है। इसकी शुरुआत प्रतिपदा तिथि से होगी और इस तिथि से हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2082 की भी शुरुआत होगी। नवमी तिथि तक मनाई जाने वाली यह नवरात्रि इस बार विशेष संयोगों के साथ आ रही है, जो इसे और भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण बना रही है।

बन रहे हैं ये दुर्लभ संयोग

पंचांग के अनुसार, इस बार चैत्र प्रतिपदा 30 मार्च, 2025 को पड़ रही और इस दिन से ही नवरात्रि की भी शुरुआत होगी। इस दिन की सबसे खास बात यह है कि दो शक्तिशाली योगों, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग हो रहा है। इन दोनों योगों का मिलना एक दुर्लभ संयोग है, जो इस नवरात्रि को अत्यधिक शुभ और फलदायक बना रहा है।

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मान्यता है इन योगों में शुरू हुई नवरात्रि का महत्व बढ़ जाता है, और भक्तों को विशेष आशीर्वाद मिलते हैं। रवि योग सूर्य के प्रभाव से होने वाला एक सकारात्मक और शुभ योग है, जबकि सर्वार्थ सिद्धि योग सभी कार्यों में सफलता और समृद्धि का प्रतीक है।

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नवरात्रि के दिन 8 ही दिन क्यों?

पंचांग के अनुसार, इस बार चैत्र नवरात्रि 9 दिनों की जगह केवल 8 दिन की होगी। यह नवरात्रि 30 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल को समाप्त हो जाएगी। इसका कारण यह है कि इस बार द्वितीया और तृतीया तिथि एक ही दिन यानी 31 मार्च को पड़ रही है। ज्योतिष शास्त्र में यह मान्यता है कि यदि नवरात्रि की तिथियों का लोप हो जाता है, तो वह शुभ नहीं माना जाता। हालांकि इस बार नवरात्रि की अवधि 8 दिन ही रहेगी, लेकिन इसका धार्मिक महत्व कम नहीं होगा।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि की शुरुआत के दिन यानी 30 मार्च को कलश स्थापना का भी विशेष महत्व है। कलश स्थापना के लिए सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 6:13 बजे से लेकर 10:22 बजे तक है, जो लगभग 4 घंटे 8 मिनट का समय रहेगा। इस मुहूर्त में कलश स्थापित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि आप इस समय में कलश स्थापना नहीं कर पाते, तो अभिजित मुहूर्त का भी पालन कर सकते हैं। अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:01 बजे से लेकर 12:50 बजे तक रहेगा। इस दौरान कलश स्थापना से भी शुभ परिणाम मिलते हैं।

नवरात्रि में देवी के 9 रूपों की पूजा

चैत्र नवरात्रि के 8 दिनों में देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की उपासना की जाती है। प्रत्येक दिन विशेष रूप से एक देवी के रूप की पूजा की जाती है, ये हैं- शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री। इन स्वरूपों की पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: Mar 22, 2025 05:52 PM

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