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Govardhan Puja के दौरान भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां, वरना श्रीकृष्ण के क्रोध से बढ़ेंगी परेशानियां!

Govardhan Puja 2024: देशभर में 2 नवंबर को भगवान कृष्ण को समर्पित गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाएगा। चलिए जानते हैं गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन से जुड़े जरूरी नियमों के बारे में।

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Nov 2, 2024 08:01
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Govardhan Puja 2024
गोवर्धन पूजा में इन बातों का रखें ध्यान...

Govardhan Puja 2024: सनातन धर्म के लोगों के लिए गोवर्धन पूजा के पर्व का खास महत्व है। ये त्योहार दिवाली से अगले दिन और भाई दूज से एक दिन पहले कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की विधिपूर्वक पूजा करने का विधान है। साथ ही श्रीकृष्ण को 56 तरह के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है। माना जाता है कि गोवर्धन पूजा के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी होता है, नहीं तो साधक को पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। चलिए अब जानते हैं गोवर्धन पूजा से जुड़े खास नियमों के बारे में।

गोवर्धन पूजा कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 1 नवंबर को शाम 06:16 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 2 नवंबर 2024 को रात 08:21 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर इस बार गोवर्धन पूजा का पर्व 2 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। 2 नवंबर को पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: काल 6 बजे से लेकर सुबह 8 बजे तक है।

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गोवर्धन पूजा में इन 5 खास बातों का रखें ध्यान

  • धार्मिक मान्यता के अनुसार, गोवर्धन पूजा बंद कमरे में नहीं करनी चाहिए। अन्नकूट और गोवर्धन पूजा का आयोजन हमेशा घर के आंगन या घर के बाहर खुली जगह पर करना चाहिए। यदि बंद कमरे मे आप पूजा करते हैं, तो आपको अपनी पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलेगा।
  • गोवर्धन पूजा के दिन गौ माता की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गौ माता की पूजा जरूर करनी चाहिए। प्रात: काल गौ माता को स्नान कराएं। कुमकुम से उनका तिलक करने के बाद उन्हें चारा खिलाएं। 7 या 11 बाद गौ माता की परिक्रमा करें। फिर पैर स्पर्श करके उनसे अपने अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन के लिए प्रार्थना करें।
  • गोवर्धन पूजा कभी अकेले नहीं करनी चाहिए, बल्कि पूजा के दौरान परिवार के सभी सदस्यों का होना जरूरी होता है। घर का एक सदस्य भी यदि पूजा में मौजूद नहीं होता है, तो पूजा को पूर्ण नहीं माना जाता है। इसके अलावा आपको श्रीकृष्ण का विशेष आशीर्वाद भी नहीं मिलेगा।
  • गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करना शुभ माना जाता है। यदि आप भी गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करते हैं, तो उसे गलती से भी बीच में न छोड़े। परिक्रमा को बीच में छोड़ना अशुभ माना जाता है। इसके अलावा परिक्रमा हमेशा नंगे पैर करनी चाहिए।
  • यदि आपके घर में भी गोवर्धन पूजा होती है, तो उस दिन रसोई में तामसिक भोजन न बनाएं। इसके अलावा पूरे दिन क्रोध-गुस्सा न करें और किसी को गलत न बोलें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Written By

Nidhi Jain

First published on: Nov 02, 2024 08:01 AM

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